Doda Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले से आज सुबह एक ऐसी खबर आई जिसने मानों समस्त देशवासियों को झकझोर कर रख दिया। दरअसल डोडा जिले में आतंकियों के साथ चल रही मुठभेड़ में भारतीय सेना के एक अधिकारी व 3 सैन्यकर्मी शहीद हो गए। डोडा आतंकी हमले (Doda Terror Attack) में शहीद हुए कैप्टन ब्रजेश थापा को लेकर खूब सुर्खियां बन रही हैं। बता दें कि शहीद ब्रजेश थापा के पिता भुवनेश थापा भी सेवानिवृत्त कर्नल हैं जिन्होंने अपने बेटे के शहादत के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है।
कर्नल भुवनेश थापा (सेवानिवृत्त) ने कहा है कि उन्हें गर्व है कि उनका बेटा देश की सेवा और सुरक्षा के लिए कुछ खास कर गया। हालाकि उन्हें दु:ख इस बात का है कि वे अपने बेटे से अब कभी मिल नहीं पाएंगे। शहीद कैप्टन ब्रजेश थापा के पिता भुवनेश थापा की ओर से दी गई इस प्रतिक्रिया को सुनने के बाद लोगों का दिल पसीज जा रहा है।
शहीद कैप्टन ब्रजेश थापा के पिता की प्रतिक्रिया
केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के डोडा में हुए आतंकी हमले के दौरान अपनी ड्यूटी पर तैनात कैप्टन ब्रजेश थापा शहादत प्राप्त कर गए। कैप्टन ब्रजेश थापा के साथ 3 अन्य सैन्यकर्मियों के भी शहीद होने की खबर सामने आई जिसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों में शोक की लहर पसर गई।
डोडा आतंकी हमले में शहीद हुए कैप्टन ब्रजेश थापा के पिता को जब इस खबर की पता चली तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। हालाकि उन्होंने खुद को नियंत्रित करते हुए अपने शहीद बेटे की शहादत पर प्रतिक्रिया जाहिर की। कर्नल भुवनेश थापा (सेवानिवृत्त) ने कहा कि “उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। हालाकि दु:ख इस बात का है कि अब वे उससे दुबारा नहीं मिल पाएंगे। कर्नल भुवनेश थापा ने बताया कि वो (कैप्टन ब्रजेश थापा) बचपन से ही भारतीय सेना का हिस्सा बनना चाहता था और सेना की वर्दी पहन कर हमारे चारो-तरफ घूमता था। उसने एक ही परीक्षा में पास कर सेना में भर्ती ले ली।”
‘मेरा बेटा हमेशा के लिए गुम हो गया’
जम्मू-कश्मीर के डोडा में शहीद हुए कैप्टन ब्रजेश थापा की मां ने भी बेटे की शहादत को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। शहीद कैप्टन ब्रजेश थापा की मां नीलिमा थापा कहती हैं कि “उन्हें अपने बेटे पर गर्व है जिसने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।” नीलिमा थापा ने कहा कि “मेरा बेटा हमेशा के लिए गुम हो गया। वह हमारे पास कभी नहीं आएगा।”
शहीद कैप्टन की माता ने बताया कि “बीते रात करीब 11 बजे हमें ब्रजेश के शहादत की खबर मिली। वह हमेशा से आर्मी में शामिल होना चाहता था और अंतत: उसने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।”