Exclusive: हम चाय की दुकान चलाने वाले ललन राम से मिले और Ghaziabad के वसुंधरा में स्थिति बुद्ध चौक की व्यस्त सड़को के बीच उनकी दैनिक दिनचर्या की जटिलताओं का पता लगाया, जहां जीवन अपनी लय के साथ प्रकट होता है। जब हम उनसे Exclusive बातचीत करते हैं तो उनके जीवन के पहलू सामने आते हैं। यह संकल्प, जवाबदेही और दृढ़ आशा की कहानी है। आईए जानते है उनके कुछ अनछुए किस्से।
Ghaziabad में चाय की दुकान लगाने वाले ललन राम के दुनिया की एक झलक
बिहार के मुजफ्फरपुर जिला से आने वाले ललन राम हमें खुले हाथों से स्वागत करते है। एक चाय की दुकान लगाने और सिलाई करने के अपने अनुभवों को हमारे साथ साझा करते है। ललन राम के परिवार में उनकी पत्नी के साथ उनके 6 बच्चे जो Ghaziabad में एक छोटे से किराये के मकान में रहते है। उनका अनुभव उस लचीलेपन के उदाहरण के रूप में कार्य करता है, जिसे विपरीत परिस्थितियों में विकासित किया जा सकता है।
शैक्षिण बाधांए और कैरियर विकल्प
ललन राम अपनी पढ़ाई के बारे में बताते है कि वह 10वी कक्षा में फेल हो गए थे, और उसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई नही की, लेकिन वह अपने बच्चों को अच्छा भविष्य देना चाहते है, और उनके सभी बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे है।
जीवन में परिवर्तन कब आया
Exclusive बातचीत के दौरान ललन राम बताते है कि काम धंधे की तलाश में वह बिहार से दिल्ली अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए आए थे। पहले उन्होंने सिलाई चलाना सिखा, उसके बाद उन्होंने गाजियाबाद के वसंधुरा सेक्टर-6 में एक छोटी सी चाय की दुकान लगाई। वह बहुत ही भारी मन से कहते है कि इसी से उनके परिवार का भरण पोषण चलता है।
परिवार और रोमांस को नेविगेट करना
अपने परिवार के बारे में बात करते हुए ललन राम ने अपने कुछ अनुभव साझा किया। साथ ही उनके रोमांस लाइफ के बारे में पूछने पर वह हंसते हुए कहते है कि रोमांस तो कुछ नहीं रहा क्योंकि मेरी शादी साल 2000 में हो गई थी। और मेरा मकसद अपने परिवार को एक अच्छा जीवन देना है।
कौशल के माध्यम से राष्ट्र की सेवा करना
जब उनसे पूछा गया कि आप अपने जीवन में क्या बनना चाहते थे। इस पर वह जवाब देते है कि में शुरू से लोगों की सेवा करना चाहता था। हालांकि में अभी भी लोगों के फटे पुराने कपड़े सिलता हूं, और पब्लिक को चाय पिलाकर उनकी सेवा कर रहा हूं।
Exclusive बातचीत में बताई सरकार से क्या है उम्मीदें?
इस सवाल को पूछे जाने पर ललन राम कहते है कि मुझे सरकार से बहुत उम्मीदें है। वह पीएम मोदी और योगी आदित्यानाथ की तारीफ करते हुए कहते है कि रेहड़ी पटरी वालो के लिए काफी सुविधा हो गई है, उन्होंने आगे कहा कि में सरकार से उम्मीद करता हूं कि मुझे स्थायी दुकान दी जाएं।
सभी के लिए एक प्रेरणा
ललन राम की कहानी उन लोगों को अटूट भावना को दर्शाती है। जो विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए जीवन में अपना रास्ता खुद बनाते हैं। एक व्यक्ति जो Ghaziabad में रहकर एक छोटी सी दुकान चलाता है, और फुटपाथ पर सोता है ताकि उसका परिवार चैन की नींद सो सकें।