Fastag: NHAI की रोड टोलिंग अथॉरिटी की ओर से एक लिस्ट जारी की गई है। इसमें 32 बैंकों के नाम हैं जिनसे यूजर्स फास्टैग खरीद सकते हैं। आपको बताते चले कि इसमें से अब पेटीएम पेमेंट बैंक का नाम हटा दिया गया है। इसका सीधा मतलब यह है कि अब पेटीएम फास्टैग यूजर्स को नया फास्टैग लेना होगा। एक आकड़े के मुताबिक देश में 2 करोड़ से ज्यादा पेटीएम फास्टैग यूजर्स हैं।
सोशल मीडिया पर शेयर किया पोस्ट
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट किया गया है, जिसमें कहा गया है कि Fastag से बिना किसी परेशानी के यात्रा करें। अपना फास्टैग केवल नीचे दिए गए बैंकों से ही खरीदें। इस लिस्ट में करीब 32 बैंकों के नाम जारी किए गए हैं, इसमे पेटीएम नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पेटीएम पर आरबीआई के एक्शन के बाद हाईवे अथॉरिटी द्वारा लिए गए इस फैसले का मकसद पेटीएम फास्टैग यूजर्स को किसी भी परेशानी से बचाना है ताकि उन्हें हाईवे पर यात्रा करते समय टोल चुकाने में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
भारत में 7 करोड़ Fastag यूजर्स है
आपको बता दें की भारत में करीब 7 करोड़ Fastag यूजर्स है। हैं और पेटीएम पेमेंट बैंक का दावा है कि उसके पास 30 फीसदी से ज्यादा मार्केट शेयर है। ऐसे में पेटीएम पेमेंट बैंक यूजर्स की अनुमानित संख्या करीब 2 करोड़ होने का अनुमान है। Fastag भारत में एक इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली है, जो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा संचालित है। यह सीधे प्रीपेड या बचत खाते से टोल भुगतान करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) तकनीक का उपयोग करता है। वहीं इससे चालकों का काफी समय बचता है।
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