Delhi News: पहाड़ों में हो रही भारी बारिश का असर मैदानी इलाकों पर देखने को मिल रहा है। भारी बारिश के चलते कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जिसके चलते यमुना के आसपास के इलाकों में पानी घुस चुका है। हालात ये हैं कि ITO, लाल किला, सुप्रीम कोर्ट जैसे इलाके पानी में डूब चुके हैं। बाढ़ के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार भी एक्शन में आ गई है। सराकर बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे हुए लोगों को रिलीफ कैंप में शिफ्ट कर रही है। वहीं, यमुना के पानी को रोकने के लिए निचले इलाकों में अस्थाई बांध बनाए जा रहे हैं।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना
दिल्ली में 4 दिन से यमुना नदी खतरे के निशान के ऊपर है। शुक्रवार सुबह यमुना नदी का जलस्तर 208.54 मीटर पहुंच गया था। यह खतरे के निशान 205 मीटर से 3.4 मीटर ज्यादा था। हालांकि अब यमुना का लेवल घटकर 208.46 मीटर पर आ गया है। यमुना अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है। अगले 24 घंटे में यमुना का लेवल कम होने की उम्मीद है।
बाढ़ के बाद मदद के लिए उतरी सेना
दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के बाहर सड़क पर पानी भर गया है। बाढ़ का पानी यमुना बाजार, लालकिले, राजघाट और ISBT-कश्मीरी गेट तक पहुंच गया है। यहां 3 फीट तक पानी भर गया है। हालात बिगड़ते देख CM अरविंद केजरीवाल ने ड्रेनेज ठीक करने के लिए सेना की मदद मांगी है। जिसके बाद सेना के इंजीनियरिंग कोर के जवानों को फील्ड में तैनात कर दिया गया है। दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज के मुताबिक, ITO के पास 12 नंबर ड्रेनेज का रेगुलेटर टूटने से बाढ़ का पानी आ रहा है। उन्होंने कहा कि रेगुलेटर को आज ठीक कर लिया जाएगा।
दिल्ली-NCR में शुरू हुई बारिश
दिल्ली-एनसीआर एक बार फिर बारिश शुरू हो गई है। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में बारिश हो रही है। इसको लेकर मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था। वहीं, दिल्ली के साथ बसे नोएडा में अब बाढ़ का खतर मंडराने लगा है। जिसके बाद यूपी सरकार ने अधिकारियों के उचित प्रबंधन करने ने निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली-एनसीआर में अगले दो दिन बारिश होने की संभावना है।
‘प्राकृतिक आपदा पर नहीं होनी चाहिए राजनीति‘
दिल्ली में बाढ़ पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, “अभी जो बाढ़ आई है वो प्राकृतिक आपदा है। इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। पहाड़ी राज्यों में जो बारिश हुई है, अचानक उसका प्रभाव हमारी नदियों में बढ़ा है। यमुना में 1 लाख क्यूसेक पानी था जो अगले दिन अचनाक 3.70 लाख क्यूसेक हो गया। जहां तक पानी छोड़ने का सवाल है, हमने अरविंद केजरीवाल को बताया है कि बैराज में एक सीमित मात्रा में पानी को नियंत्रित कर सकते हैं।”
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