G20 Summit : भारत की अध्यक्षता में G-20 2023 का आयोजन राजधानी दिल्ली में किया जा रहा है। ऐसे में आपको बता दें कि, G-20 शिखर सम्मेलन 9 सितंबर से शुरू हुआ था। वहीं इसकी समाप्ति 10 दिसंबर को हो जाएगी। इस समिट के पहले दिन सभी सदस्य देशों के बीच सब की सहमति से “नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन” को अपनाया गया। ऐसे में आपको बता दें कि, मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को बताया गया कि, चीन रूस और अन्य प्रमुख पश्चिमी देशों के साथ भारत की कड़ी बातचीत और ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया के मजबूत समर्थन से नई दिल्ली के प्रयास को G-20 घोषणा पत्र पर आम सहमति बनने में मदद मिली।
इन नेताओं ने महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि
दरअसल G-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन विदेशी मेहमान महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजघाट में पहले से ही मौजूद है। ऐसे में पीएम मोदी ने सभी G-20 सदस्य देशों के नेताओं का स्वागत कर रहे हैं। इसी कड़ी में बता दें कि, सबसे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने और पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए दिल्ली राजघाट पहुंचे। इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा, एशियाई विकास बैंक के अध्यक्ष मासात्सुगु असकावा, विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा भी राजघाट पहुंचे।
साथ ही स्पेन की उपराष्ट्रपति नादिया कैल्विनो महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने और पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए दिल्ली के राजघाट पहुंचीं। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग, ओमान के उप प्रधानमंत्री असद बिन तारिक बिन तैमूर अल सैद, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनाथ भी महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने और पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए दिल्ली के राजघाट पहुंचे।
G-20 के पहले दिन इन सभी मुद्दों पर लिए गए फैसले
ऐसे में अगर G-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन के कई बड़े फैसलों पर नजर डाली जाए तो, कल के दिन विश्व के तमाम बड़े नेताओं के साथ लिए गए फैसलों में सबसे पहले फैसला यह है कि, अफ्रीकन यूनियन को भी G-20 में शामिल किया जाएगा। इसके बाद G-20 से G-21 होगा। दिल्ली ज्वाइंट डिक्लेरेशन भी जारी किया गया। सभी देशों में माना कि ये युद्ध का युग नहीं है। G-20 जियो पॉलिटिक्स के मुद्दों को सुलझाने का मंच नहीं है। साथ ही रूस यूक्रेन के अनाज समझौते को फिर से शुरू करने की अपील की गई। G-20 के पहले दिन इन सभी मुद्दों पर फैसले लिए गए।
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