Sunday, December 22, 2024
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G20 Summit 2023 Konark Wheel History:आखिर क्या है कोणार्क चक्र का इतिहास, जिसकी तस्वीर G20 Summit के दौरान सोशल मीडिया पर हुई वायरल !

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G20 Summit 2023 Konark Wheel History: दिल्ली में स्थित भारत मंडपम में जी-20 शिखर सम्मेलन हुआ, जिसमें वैश्विक नेताओं ने हिस्सा लिया। इस खास मौके पर भारत ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को दुनिया के सामने रखा। दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर भारत मंडपम तक पूरी दिल्ली को सांस्कृतिक रंग में रंग दिया गया। कहीं, सनातन धर्म की तस्वीरें देखने को मिली, तो कहीं साइंस और संस्कृति का मेल दिखाया गया।

दुनिया का सबसे बड़ा कन्वेंशन केंद्र भारत मंडपम


वहीं शाम ढलते ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी वैश्विक नेताओं का दुनिया के सबसे बड़े कन्वेंशन केंद्र भारत मंडपम में स्वागत करना शुरू किया। भारत मंडपम के गलियारों में जैसे-जैसे नेता नरेंद्र मोदी की तरफ बढ़ रहे थे, उन्हें भारत की अनोखी धरोहर देखने को मिल रही थी। लाल रंग के कालीन पर नेता चलते जा रहे थे और भारत की संस्कृति और कला को महसूस कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी वैश्विक नेताओं का मंडपम के सम्मेलन कक्ष में स्वागत किया और वहां खड़े होकर सबके साथ तस्वीरें भी खिंचवाई।

कोणार्क चक्र पर टिकी सभी की नजरें


लेकिन इन सब में सबकी नज़रें उसे समय ठहर गई जब दुनिया का सबसे पुराना लोकतांत्रिक देश और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश के दो नेता एक साथ खड़े हुए यानी की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का स्वागत किया। जैसे ही जो बाइडेन स्वागत स्थल पर पहुंचे। तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका आवभगत किया। इसके साथ ही उनके पीछे लगे कोणार्क चक्र के बारें में बाइडेन को बताया।
हालांकि सबकी नज़रें पहले से ही कोणार्क चक्र पर थी, लेकिन किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिरकार प्रधानमंत्री के पीछे इस पहिए को क्यों लगाया गया और इसकी बारें में लोगों की इच्छुकता तब और बढ़ गई। जब उन्होंने देश की सबसे बड़ी ताकत कहे जाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति को उसके बारें में बताना शुरू किया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ कोणार्क चक्र


नेताओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होने लगीं। जिसमें लोगों ने पहिए जैसी आकार में नजर आने वाली कलाकृति के बारें में सर्च करना शुरू किया। कई लोग इसके बारें में जानते थे, तो कई लोगों को इसके बारे में कोई ज्ञान नहीं था।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के पीछे जो कोणार्क चक्र लगा हुआ था, उसे करीबन 7 लाख बार देखा गया। इतना ही नहीं लोग सोशल मीडिया पर कमेंट करने लगे कि आखिरकार यह पहिए जैसी आकार का चक्र क्या है? और क्यों लगाया गया है? आपके मन में भी यह सवाल आया होगा? तो चलिए हम उसका जवाब आपको दे देते हैं।

कोणार्क चक्र का महत्व और इतिहास


दरअसल जिस समय प्रधानमंत्री मोदी अदभुत भारत मंडपम में दिग्गज नेताओं का स्वागत कर रहे थे, उनसे हाथ मिला रहे थे। उस समय उनके पीछे जो प्रसिद्ध कोणार्क चक्र दिखाई दे रहा था। वह उड़ीसा के पुरी जिले के एक सूर्य मंदिर का प्रतीक है। जानकारी के लिए बता दें कि 13वीं शताब्दी में कोणार्क चक्र का निर्माण कराया गया था। इसका निर्माण वहां के राजा नरसिम्हादेव-प्रथम ने अपने शासनकाल में कराया गया था। इस चक्र को भारत की एक बड़ी सांस्कृतिक धरोहर के रूप में देखा जाता है।
बात अगर सूर्य मंदिर की करें,
तो कोणार्क का सूर्य मंदिर पथरीली कलाकृतियों के लिए विश्व भर में जाना जाता है, जो सूर्य के विशालकाय रथ की तरह बनाया गया है। मंदिर में कोणार्क चक्र के करीब 12 जोड़े बनाए गए यानी की कुल मिलाकर 24 पहिए मंदिर में लगे हुए हैं। जोकि जीवन का पहिया भी कहा जाता है।
इन कोर्णाक चक्र से यह पता लगता है कि सूर्य कब उगेगा, कब अस्त होगा और कैसे समय का पहिया चलता रहता है, साथ ही इस चक्र का मुख्य मतलब परिवर्तन है यानी कि कोई भी चीज जीवन में स्थिर नहीं है सब का परिवर्तन होना अनिवार्य है।

यूनेस्को ने सूर्य मंदिर को माना विश्व धरोहर


इतना ही नहीं कोर्णाक चक्र हमारे देश के ज्ञान उन्नत और सभ्यता को भी दर्शाता है। इस चक्र को कालचक्र के रूप में भी देखा जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि इस सूर्य मंदिर को लाल रंग के बलुआ पत्थरों और काले ग्रेनाइट के पत्थरों से तैयार किया गया है। इस मंदिर को यूनेस्को ने साल 1984 में विश्व धरोहर के रूप में भी घोषित किया था। यह दुनिया भर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।

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Aarohi
Aarohihttps://www.dnpindiahindi.in/
आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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