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फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में GDP की तगड़ी छलांग, जानें विकास दर को लेकर क्या है वित्त विभाग की रिपोर्ट?

GDP: भारतीय वित्त विभाग की ओर से दी गई ताजा जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी रहा है जो कि पिछले वर्ष से बेहतर है।

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GDP: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। वित्त विभाग की ओर से दी गई ताजा जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी रहा है जो कि पिछले वर्ष से कहीं बेहतर है। इसके अलावा संपूर्ण वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी ग्रोथ 8.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों की मानें तो ये देश के लिए अच्छी व राहत भरी खबर है और इससे इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर अन्य सभी वित्तिय पहलु और मजबूत हो सकेंगे।

FY 2023-23 में GDP की तगड़ी छलांग

वित्त विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ो के मुताबिक वित्त वर्ष (FY) 2023-24 की चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च 2024 में जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी रही है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी ग्रोथ सालाना आधार पर 8.2 फीसदी रही है जो कि बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए एक सूचकांक के समान है।

भारत सरकार की ओर से ये भी स्पष्ट किया गया है कि 2022-23 की तुलना में 2023-24 में वास्तविक जीवीए (ग्रास वैल्यू एडेड) 6.7% की वृद्धि दर से बढ़कर 7.2% हो गया है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में वास्तविक जीवीए और वास्तविक जीडीपी क्रमशः 6.3% और 7.8% बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।

क्या है GDP?

सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी किसी भी देश में एक तय समय सीमा के अंदर उत्पादित हुए वस्तुओं व सेवाओं के कुल मूल्य को मापने का काम करती है। या इसे किसी अर्थव्यवस्था के आर्थिक प्रदर्शन का एक बुनियादी माप भी माना जाता है जो कि एक वर्ष में एक राष्ट्र की सीमा के अंदर सभी उत्पादित वस्तु और सेवाओं का बाजार मूल्य है।

भारत में जीडीपी को मापने के लिए इस फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है।
GDP= कर्मचारियों का मुआवजा + सकल परिचालन अधिशेष + सकल मिश्रित आय + उत्पादन और आयात पर सब्सिडी रहित कर।

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