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Guru Purnima 2024: अध्यात्म से शिक्षा तक, Sadhguru व Vikas Divyakirti जैसे गुरुओं ने ऐसे बदली लाखों शिष्यों की ज़िंदगी

Guru Purnima 2024: गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर हम आपको सदगुरु और विकास दिव्यकीर्ति जैसे गुरुओं द्वारा दिए जा रहे संदेश के बारे में बताएंगे।

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Guru Purnima 2024
फाइल फोटो- सदगुरु, विकास दिव्यकीर्ति & श्री श्री रविशंकर

Guru Purnima 2024: देश के विभिन्न हिस्सों में आज गुरु पूर्णिमा की खास तिथि बड़े धूम-धाम से मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) तिथि को विशेष रूप से गुरुओं को समर्पित करते हुए गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों की मानें तो गुरु मे गु का अर्थ अन्धकार-अज्ञान तो वहीं रु का अर्थ प्रकाश है। ऐसे में अज्ञान को हटा कर प्रकाश की ओर ले जाने वाले को ही गुरु कहते हैं। सनातन संस्कृति में यह खास तिथि बेहद महत्वपूर्ण है और इस दिन लोग गुरुओं की पूजा करते हैं।

गुरु पूर्णिमा के दिन आज हम आपको वर्तमान समय के कुछ चर्चित व लोकप्रिय गुरुओं के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने संदेश से लाखों की संख्या में शिष्यों की ज़िंदगी बदली है। इनमें सदगुरु (Sadhguru), विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti), गुरुदेव श्री श्री रामशंकर, स्वामी रामकृष्ण परमहंस और श्री अनिरिद्धाचार्य महाराज जैसे गुरुजन शामिल हैं।

सदगुरु ने बदली लाखों शिष्यों की ज़िंदगी

वर्तमान समय की बात करें तो सदगुरु को सुनने वाले, उनके संदेशों पर अमल करने वाले लोगों की संख्या कई लाख में है। सदगुरु की शिक्षा पारंपरिक विश्वास प्रणालियों से परे हैं और आत्म-परिवर्तन के लिए व्यावहारिक तरीके को पेश करती है। उनकी पुस्तक, “इनर इंजीनियरिंग: ए योगीज़ गाइड टू जॉय” न्यूयॉर्क टाइम्स बेस्टसेलर बन गई है, जो दुनिया भर के पाठकों को पसंद आ रही है। संयुक्त राष्ट्र और विश्व आर्थिक मंच जैसे वैश्विक मंचों पर भी सदगुरु एक प्रमुख वक्ता के रूप में सामाजिक-आर्थिक विकास से लेकर पर्यावरणीय स्थिरता तक जैसे कई मुद्दों पर अपनी बात रखते हैं जिसे लोग गंभीरता से सुनते हैं और अमल कर अपने जीवन शैली में बदलाव लाते हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले विकास दिव्यकीर्ति

प्रतियोगी परीक्षा हो या राष्ट्र से जुड़ी कोई समस्या, पूर्व सिवील सेवक व वर्तमान में शिक्षक की भूमिका निभा रहे विकास दिव्यकीर्ति खूब तार्किक अंदाज से अपनी बात रखते हैं। विकास दिव्यकीर्ति को सुनने वाले और उनसे शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों की संख्या लाखों में है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर चले जाएं तो आज विकास दिव्यकीर्ति के कई सारे क्लिप्स संदेश के तौर पर वायरल मिल जाते हैं जिसको सुन कर लोग उनकी बातों पर अमल करते हैं।

श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज: आधुनिक कथावाचक

अध्यात्म की बात हो तो वर्तमान में चर्चित गुरु श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का जिक्र हो ही जाता है जो कि आधुनिक मांगों के अनुसार अध्यात्म से जुड़े कई प्रसंगों को बेहद सरलता से लोगों के समक्ष रखते हैं। शुरुआती दिनों में बेहद संघर्षशील रहे श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने दृढ़ संकल्प के साथ शिक्षा प्राप्त की और वृन्दावन में संस्कृत और हिंदू धर्मग्रंथों का अध्ययन किया।

गुरु संत गिराज महाराज के मार्गदर्शन में, अनिरुद्ध जी ने आध्यात्मिक ग्रंथों और परंपराओं की गहरी समझ विकसित की और आज वो इसका विस्तार लोगों के समक्ष करते हैं। उनको सुनने के लिए हजारों की संख्या में महिलाएं, बुजुर्ग व बच्चे आते हैं और उनके संदेश पर अमल कर नया जीवन शैली अपनाते हैं।

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर

आध्यात्मिक गुरु, गुरुदेव श्री श्री रविशंकर दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए शांति और कल्याण के प्रतीक रहे हैं। अपने आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के माध्यम से, उन्होंने विभिन्न सेवा परियोजनाओं और आत्म-सुधार पाठ्यक्रमों के माध्यम से लोगों तक पहुंच बनाकर तनाव और हिंसा मुक्त समाज को बढ़ावा दिया है। उनकी शिक्षाएँ जीवन के प्रति समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हुए आंतरिक शांति, करुणा और सामुदायिक सेवा के महत्व पर जोर देती हैं।

गुरुदेव को कई सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें पद्म विभूषण भी शामिल हैं। उनका योगदान आध्यात्मिकता से परे है। वह श्री श्री विश्वविद्यालय के चांसलर और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए भारत की योग प्रमाणन समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं। विभिन्न क्षमताओं में उनके नेतृत्व ने विश्व स्तर पर योग, ध्यान और शांति के मूल्यों को बढ़ावा देने में मदद की है।

गुरु पूर्णिमा का महत्व

देश के विभिन्न हिस्सों में आज गुरु पूर्णिमा मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस खास तिथि को आषाढ़ मास की पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) के दिन गुरुओं को समर्पित करते हुए मनाया जाता है। मान्यता है कि ये दिन हमारे गुरुओं के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धा व्यक्त करने का दिन है और ऐसे में हमें इस दिन अपने आध्यात्मिक शिक्षक या किसी भी गुरु के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धा व्यक्त करनी चाहिए।

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