Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट का कहना है व्यास तहखाने में पूजा जारी रहेगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा वाराणसी जिला अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया था, और उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा गया था। उसके कुछ घंटों के बाद ही मस्जिद समिति ने 2 फरवरी को उच्च न्यायालय का रूख किया था, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से फैसला सुनाया गया है।
Gyanvapi Mosque Case इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था
हाईकोर्ट ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (एआईएमसी) द्वारा दायर एक अपील पर फैसला सुनाया, जिसमें मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी थी। पिछली सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश रोहित रंजन ने आज फैसला सुनाया।
वाराणसी जिला अदालत ने सुनाया था फैसला
Gyanvapi Mosque Case को लेकर 31 जनवरी को वाराणसी जिला अदालत ने हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी के मस्जिद तहखाने में प्रार्थना करने की अनुमति दी थी। बता दें कि वाराणसी जिला अदालत ने वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को हिंदू पक्ष और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा नामित पुजारी द्वारा की जाने वाली पूजा के लिए 7 दिनों के भीतर व्यवस्था करने का निर्देश दिया था।
क्या है ज्ञानवापी तहखाने को लेकर विवाद
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कि ज्ञानवापी मस्जिद के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था। Gyanvapi Mosque Case को लेकर मुस्लिम पक्ष ने प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट का हवाला देते हुए याचिका को खारिज करने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को अस्वीकार करते हुए हिंदू पक्ष ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा-अर्चना की अनुमति दे दी थी।