Haryana News: राजनीति संभावनाओं का खेल है और यहां कब क्या हो जाए इसका अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल होता है। इस कथन का सरल उदाहरण है हरियाणा का विधानसभा चुनाव। चुनावी दौर की बात करें तो सोशल मीडिया से लेकर हर तरफ कांग्रेस (Congress) का माहौल होने की बात कही गई। हालाकि BJP ने अपने मैनेजमेंट और कुशल रणनीति के कारण सत्ता में वापसी कर हैट्रिक लगाने के साथ नया इतिहास बना दिया।
हरियाणा (Haryana News) विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2024) के नतीजों के ऐलान से स्पष्ट हुआ कि बीजेपी 48 सीट जीतकर अपने दम पर सरकार बनाएगी। हालाकि अब मुख्यमंत्री (CM) पद के लिए पार्टी में घमासान का दौर शुरू है। पहले दावा किया गया कि यदि बीजेपी सत्ता में आई तो नायब सैनी (Nayab Singh Saini) ही मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगे। हालाकि अब पार्टी के कुछ शीर्ष नेता हैं जिनकी दावेदारी नायब सैनी के नाम पर पेंच फंसा रही है। ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि मुख्यमंत्री चुनने के लिए सत्तारुढ़ दल बीजेपी के सामने क्या-क्या चुनौतियां हैं।
Nayab Saini के नाम पर कहां फंसा पेंच?
हरियाणा (Haryana News) में मुख्यमंत्री पद के लिए नायब सैनी (Nayab Singh Saini) प्रबल दावेदारों में से एक हैं। पार्टी के तमाम शीर्ष नेताओं ने चुनावी प्रचार-प्रसार के दौरान भी कहा था कि यदि बीजेपी सत्ता में आई तो नायब सैनी एक बार फिर सूबे की कमान संभालेंगे। हालाकि अब नतीजों के ऐलान के बाद मामला फंसता नजर आ रहा है। दरअसल हरियाणा की राजनीति में BJP के दो वरिष्ठ नेताओं की दावेदारी को लेकर खबरें चल रही हैं।
दावा किया जा रहा है कि अंबाला कैंट (Ambala Cant) से विधायक चुने गए वरिष्ठ नेता अनिल विज (Anil Vij) भी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। वहीं राव इंद्रजीत सिंह (Rao Inderjit Singh) भी पीछे नहीं है और उनके समर्थक उन्हें सीएम बनाने की मांग कर रहे हैं। अनिल विज का नाम तब भी तेजी से उछला था जब मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था।
दावा किया गया कि पार्टी वरिष्ठता के क्रम में उन्हें मुख्यमंत्री बनाएगी। हालाकि पार्टी की ओर से नायब सैनी को कमान दी गई थी। ऐसे में अबकी बार अनिल विज की दावेदारी फिर मजबूती से सामने आ रही है। उन्होंने 8 अक्टूबर को भी मीडिया के सामने मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी इच्छा व्यक्त की थी।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता राव इंद्रजीत सिंह की बात करें तो वे कई बार मुख्यमंत्री बनने की इच्छा प्रकट कर चुके हैं। उन्होंने चुनावी समर के दौरान एक नीजि चैनल को साक्षात्कार देते हुए कहा था कि गुरुग्राम ने बीजेपी को 3 बार सत्ता दिलाई है। ऐसे में पार्टी का फर्ज है कि गुरुग्राम (Gurugram) को तवज्जो दे। इसका आशय मुख्यमंत्री पद को लेकर था। बता दें कि राव इंद्रजीत सिंह, गुरुग्राम का प्रतीनिधित्व करते हैं। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी उन्हें क्या जिम्मेदारी देती है।
BJP के सामने क्या हैं चुनौतियां?
हरियाणा में आगामी कल यानी 16 अक्टूबर को BJP विधायक दल की बैठक होनी है। इस दौरान पार्टी के सभी विधायक मिलकर विधायक दल का नेता चुनेंगे। जो विधायक दल का नेता चुना जाएगा वही हरियाणा का अलग मुख्यमंत्री होगा। बीजेपी ने विधायक दल की बैठक (BJP Legislature Party Meeting) से पहले गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) को केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया है। बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच एकजुटता बनाए रखना है।
इसके अलावा विधायकों के बीच एकजुटता बनाए रखना भी बीजेपी के सामने एक चुनौती है। दावा किया जा रहा है कि यदि मुख्यमंत्री पद के लिए खेमाबाजी शुरू हुई तो आगामी समय में संकट का दौर देखने को मिल सकता है। ऐसे में बीजेपी इस तमाम चुनौतियों को मद्देनजर रखते हुए सतर्कता के साथ सीएम पद के लिए चेहरे का ऐलान आगामी कल करेगी।