Haryana News: रबी फसलों की श्रेणी में आने वाले गेहूं के उत्पादन व इसकी खरीद को लेकर इन दिनों खूब खबरें बन रही हैं। इसी क्रम में हरियाणा से भी एक चिंताजनक खबर सामने आई है। दरअसल हरियाणा की सरकारी खरीद केन्द्रों पर गेहूं की खरीद घट गई है जिसको लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं।
बता दें कि इस सत्र में हरियाणा के विभिन्न मंडियों में गेहूं खरीद का लक्ष्य 80 लाख टन रखा गया था। हालाकि अभी तक सिर्फ 69.66 लाख टन गेहूं ही खरीद केन्द्रों तक पहुंचा है। दावा किया जा रहा है कि पिछले वर्ष गेहूं के दाम में खूब उछाल देखने को मिले थे। इसी कारण सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं की आवक कम हो गई है।
सरकारी केन्द्रों पर कम हुई गेहूं की खरीद
गेहूं उत्पादन के क्षेत्र में हरियाणा का एक प्रमुख स्थान माना जाता है। हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में किसान गेहूं की बुआई कर इससे खूब लाभ भी कमाते हैं। इस वर्ष भी हरियाणा में गेहूं की ठीक-ठाक उपज रही और आंकड़ों के मुताबिक पूरे राज्य में में 112 लाख टन गेहूं का पैदावार हुआ है।
हालाकि सरकारी गेहूं क्रय केन्द्रों पर गेहूं की खरीदारी जरुर कम हो गई है। बता दें कि आज मंडियों में गेहूं खरीद का अंतिम दिन है और अब तक सिर्फ 69.66 लाख टन गेहूं की खरीद हो सकी है। सरकारी केन्द्रों पर पहुंची गेहूं की खेप तय किए गए लक्ष्य (80 लाख टन) से लगभग 10 लाख टन कम है। ऐसे में इसको लेकर मंथन किया जा रहा है और किसानों से गेहूं की खेप को सरकारी क्रय केन्द्रों तक भेजने की अपील की जा रही है।
क्या इस वजह से कम हुई खरीदारी?
हरियाणा के सरकारी गेहूं क्रय केन्द्रों पर गेहूं की मात्रा में कमी होने को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि पिछले वर्ष के आखिरी तक जाते-जाते गेहूं के दाम खूब उछले थे। ऐसे में स्टाकिस्टों के साथ ही मिल संचालको ने ज्यादा रकम देकर किसानों से गेहूं खरीद लिए थे जबकि सरकारी केन्द्रों पर गेहूं तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के हिसाब से ही खरीदा जाता है। यही वजह है कि किसान सरकारी गेहूं क्रय केन्द्रों तक कम पहुंच रहे हैं और गेहूं की खरीद में कमी दर्ज की गई है।