Nayab Singh Saini: हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) के नतीजों की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए घमासान का दौर जारी थी। हालाकि अब सब कुछ स्पष्ट हो चुका है। हरियाणा BJP विधायक दल की बैठक में नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। ऐसे में ये स्पष्ट है कि नायब सैनी ही हरियाणा के अगले मुख्यमंत्री होंगे (Haryana CM) और आगामी कल यानी 17 अक्टूबर को वे शपथ लेंगे।
नायब सिंह सैनी (Nayab Saini) को लगातार दूसरी बार हरियाणा की कमान सौंप कर सत्तारुढ़ दल बीजेपी ने भी सधी चाल चली है। हालाकि विधायक दल के नेता के रूप में उनके नाम का ऐलान होने के साथ ही कई तरह के सवाल भी उठने लगे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या नायब सैनी के लिए सरकार चलाना आसान होगा? क्या उन्हें पार्टी के भीतर अपने प्रतिद्वंदियों की चुनौती का सामना नहीं करना पड़ेगा? ऐसे में आइए हम आपको इस तरह की तमाम कयासबाजी और सवालों के जवाब देने की कोशिश करते हैं।
Nayab Singh Saini को इन चुनौतियों का करना पड़ सकता है सामना?
विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का दावा करने वाली BJP में गुटबाजी की खबरें कम ही आती हैं। हालाकि सभी दलों की तरह यहां भी गुटबाजी का आस्तित्व है जो कि अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से कभी ना कभी नजर आ जाता है। हरियाणा की बात करें तो नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) को BJP विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। तमाम कयासबाजी के बीच विधायक दल का नेता चुने गए सैनी आगामी कल यानी 17 अक्टूबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।
हरियाणा में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही उनके सामने कई तरह की चुनौतियां आ सकती हैं। दावा किया जा रहा है कि यदि पार्टी के वरिष्ठ नेता अनिल विज (Anil Vij) मुख्यमंत्री न बनने के कारण अपना रूख बदलेंगे और उनके समर्थकों द्वारा गुटबाजी हुई तो इससे सरकार संचालन पर असर पड़ेगा। वहीं राव इंद्रजीत सिंह (Rao Inderjit Singh) भी मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे और उन्हें भी निराशा हाथ लगी। ऐसे में दोनों नेताओं के साथ संतुलन बनाकर सरकार का संचालन करना नायब सैनी के सामने बड़ी चुनौती हो सकती है। हालाकि बीजेपी में इस तरह की संभावनाएं बेहद कम मानी जाती है।
कैसे BJP शीर्ष नेतृत्व की पसंद बने Nayab Saini?
नायब सैनी (Nayab Singh Saini) बेहद ही विनम्र स्वभाव के नेता हैं। जनता से जुड़ाव रखना और उनके कामों को प्राथमिकता देना उन्हें औरों से खास बनाता है। मार्च 2024 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हरियाणा में सियासी उठा-पटक हुई थी। इस दौरान मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद हरियाणा बीजेपी इकाई के अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र से सांसद रहे नायब सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया। 12 मार्च 2024 को पहली बार वे हरियाणा के मुख्यमंत्री बने।
हरियाणा का मुख्यमंत्री बनने के बाद नायब सैनी (Nayab Saini) का जनता से जुड़ाव और बढ़ गया। उनके राजकीय आवास पर प्रतिदिन लोगों का जमावड़ा लगा रहता था और वे उनकी समस्याओं को प्राथमिकता देकर उसका निस्तारण करने के निर्देश देते थे। इसके अलावा 6 महीने के अल्प कार्यकाल में नायब सैनी ने बिजली पर शुल्क में कमी, किफायती आवास योजना, ग्राम पंचायतों की व्यय सीमा में वृद्धि और गरीबों को आवास के लिए प्लॉट देने जैसा साहसिक निर्णय लिया। इस कदम से उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी और बीजेपी (BJP) शीर्ष नेतृत्व ने भी दुबारा उन्हीं के चेहरे पर चुनाव लड़ा और जीतकर उन्हें फिर मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया है।