Himanta Biswa Sarma: अपने बयानों को लेकर सदैव सुर्खियां बनाने वाले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मुस्लिम समुदाय को लेकर बड़ी बात कह दी है। सीएम ने बीते दिन पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जब तक मुस्लिम बाल विवाह जैसी प्रथाओं को छोड़कर खुद में सुधार नहीं लाते तब तक मियां लोगों को हमें वोट देने की जरूरत नहीं है। वो चाहें तो भाजपा के लिए जिंदाबाद के नारे लगा सकते हैं। सीएम ने ये बयान असम के चार चापोरी इलाको में रहने वाले मुसलमानों के लिया दिया है।
असम सीएम के इस बयान को लेकर खूब सुर्खियां बन रही हैं और इसको लेकर सियासी गलियारों में खूब चर्चा हो रही है।
मियां लोगों को हमें वोट देने की जरूरत नहीं
बता दें कि सीएम हिमंत बिस्वा सरमा बीते दिन पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने असम के चार चापोरी इलाके में रहने वाले मुसलमानों को लेकर कहा कि मियां लोगों को हमें वोट देने की जरूरत नहीं है। वो चाहें तो भाजपा के लिए जिंदाबाद के नारे लगा सकते हैं। वहीं इस दौरान सीएम ने वोट ना देने के कारण का जिक्र करते हुए कहा कि जब तक मुस्लिम समुदाय बाल विवाह व कट्टरता जैसी प्रथाओं को छोड़कर खुद में सुधार नहीं लाती तब तक हमें उनके वोटों की आवश्यकता नहीं है। बता दें कि चार चापोरी ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी कई सहायक नदियों से बना इलाका है जहां भारी संख्या में मुस्लिम आबादी रहती है। सीएम के इस बयान को लेकर सूबे का सियासी पारा लगातार चढ़ता नजर आ रहा है।
अगले 10 वर्षों तक वोटों की जरुरत नहीं
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हमें अगले 10 वर्षों तक चार चापोरी इलाके में रहने वाले मुसलमानों के वोटों की जरुरत नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि यहां रहने वाली मुस्लिम आबादी की मानसिकता अब धीरे-धीरे बदल रही है। हालाकि इसमें अभी करीब 10 साल का समय लगेगा। ऐसे में तब तक हमें उनके वोटों की जरुरत नहीं है। इसके बाद से मैं खुद ही इन क्षेत्रों में जाकर मुस्लिम समुदाय के लोगों से भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील करुंगा। अब असम सीएम के इस बयान को लेकर सूबे की सियासत में खूब चर्चा हो रही है। बता दें कि बिस्वा सरमा लगातार मुसलमानों को लेकर बयानबाजी करते रहते हैं।
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