Bengal Panchayat Elections 2023: पश्चिम बंगाल में 8 जून को राज्य में पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया था। ऐसे में आपको बता दें कि, राज्य में पंचायत चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद यहां हिंसा का दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक के बाद एक राज्य में हिंसक घटनाएं देखने को मिल रही है। दरअसल पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव का आयोजन किया जाएगा। वहीं 11 जुलाई को इसके परिणाम सामने आएंगे। ऐसे में राज्य में बढ़ती हिंसा को देखते हुए गृह मंत्रालय ने एक कड़ा एक्शन लिया है।
केंद्र मंत्रालय ने 485 कंपनियों को भेजने की दी मंजूरी
दरअसल पश्चिम बंगाल की स्थिति को देखते हुए पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग ने बीते सोमवार को कोलकाता हाई कोर्ट को बताया कि, केंद्र मंत्रालय ने राज्य की स्थिति को देखते हुए केंद्रीय बल के शेष और 485 कंपनियों को भेजने की मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब पंचायत चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में कुल 822 कंपनियां हो जाएंगी। इसी के साथ पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग के वकील ने कहा कि, पंचायत चुनावों के लिए 4,834 बूथ को संवेदनशील के रूप में चिह्नित किया गया है, जो कुल 61,636 बूथ का 7.8 फ़ीसदी है।
बंगाल में बढ़ रही हिंसा
पश्चिम बंगाल में बढ़ती हुई हिंसा को देखते हुए पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग ने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को सूचित करते हुए बताया था कि, उसे सोमवार को सूचना मिली कि मंत्रालय ने पहले स्वीकृत 337 कंपनियों के अलावा केंद्रीय सुरक्षाबलों की 485 कंपनियों को मंजूरी दी है। ऐसे में अब राज्य में कुल सुरक्षाबलों की 822 कंपनियां हो जाएंगी। दरअसल ऐसा एक्शन इसलिए लिया जा रहा है क्योंकि हाल ही में बसंती के फुलमालंच के इलाके में टीएमसी कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिस इंसान को गोली मारी थी उसकी पहचान जियारुल मोल्ला के नाम से हुई है। लोगों का ऐसा कहना है कि, टीएमसी कार्यकर्ता अपने घर जा रहा था तभी अचानक से हमला वालों ने सिर में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।
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