ICICI-Videocon Fraud Case: आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन फ्रॉड केस में पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर चंदा कोचर और उसके पति दीपक कोचर तथा वीडियोकॉन के प्रोमोटर के खिलाफ सीबीआई ने पहला आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया है। इससे इन आरोपियों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। इसके साथ ही सीबीआई ने 6 और लोगों के नाम इसमें कोर्ट को सौंपे हैं। सीबीआई का कोर्ट में आरोप है कि चंदा कोचर ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। उन्होंनेअपने पति दीपक कोचर के साथ मिलकर वीडियोकॉन की सब्सिडियरी कंपनियों को अवैध तरीके से लोन को मंजूरी दी।
जानें क्या है पूरा मामला
केंद्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक आईसीआईसीआई की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर चंदा कोचर पद का दुरुपयोग कर गलत तरीके से 2012 में वीडियोकॉन समूह को 3250 करोड़ रुपए के लोन सेंक्शन कर दिए थे। इसके बदले में प्रोमोटर वेणुगोपाल धूत ने पति दीपक कोचर की कम्पनी को बदले में करोड़ो का फायदा पहुंचाया। इसके बाद चंदा कोचर ने इस लोन को NPA में डाल दिया। जिसका भेद खुलने पर चंदा कोचर को पद से इस्तीफा देना पड़ गया था।
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पिछले साल दिसंबर2022 में कोचर दंपति हुए गिरफ्तार
कांग्रेस काल के बहुचर्चित 1800 करोड़ के अवैध लोन मंजूरी के इस केस में सीबीआई ने पहली एफआईआर 2019 में दर्ज की थी। जिसके बाद पिछले साल 23 दिसंबर 2022 को कोचर दंपत्ति को जांच एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया था। इस गिरफ्तारी के 3 दिन बाद ही वीडियोकॉन समूह के प्रोमोटर वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोचर दंपत्ति तथा वेणुगोपाल धूत को जमानत दे दी थी।
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