Haryana News: हरियाणा के पलवल में हुई हिंदू महापंचायत के बाद अब विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, मनाही के बावजूद भी महापंचायत में भड़काऊ भाषण दिए गए और विवादित नारे लगे। आलम यह था की पुलिस ने सिर्फ 500 लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति दी थी, लेकिन महापंचायत में 5 हजार से ज्यादा लोग पहुंच गए।
इस दौरान नूंह जिले को खत्म करने की मांग भी उठी। महापंचायत के वक्ताओं को पुलिस की ओर से नफरत भरे भाषण न देने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन कुछ वक्ताओं ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
‘तुम उंगली उठाआगे तो हम हाथ काट देंगे’
महापंचायत के दौरान एक वक्ता को यह कहते हुए सुना गया, “अगर तुम उंगली उठाआगे तो हम हाथ काट देंगे। ये हरियाणा है, महाभारत की धरती। यहां शरिया नहीं चलेगा। ये लोग हरियाणा को अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं, जो कभी नहीं होगा। इन्होंने अल्लाहु अकबर के नारे लगाए, हमारे लोगों पर हमला किया। अगर ये हमारा एक मारेंगे, तो हम उनके 5 मारेंगे। यही समस्या का असली समाधान है।” जबकि, एक अन्य वक्ता ने राइफलों के लिए लाइसेंस की मांग की।
नूंह जिले को खत्म करने की उठी मांग
महापंचायत के दौरान नूंह जिले को खत्म करने की भी मांग उठी। कहा गया की इसे गोहत्या मुक्त बनाया जाए। महापंचायत में फैसला हुआ की नूंह को गोहत्या मुक्त बनाने के लिए के 51 लोगों की कमेटी बनाई जाएगी। लोगों ने मांग उठाई की नूंह में अर्धसैनिक बलों का मुख्यालय स्थापित किया जाए।
महापंचायत ने 31 जुलाई को हुई नूंह हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से कराने और मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की भी मांग उठाई। इसके साथ ही घायलों के लिए भी मुआवजा की मांग की गई है।
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