Manipur: मणिपुर में पिछले 2 महीने से हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। मणिपुर में भड़की हिंसा ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है। ऐसे में केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक ने मणिपुर में चल रही इस हिंसा को रोकने की कोशिश कर रही है लेकिन इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। इसी कड़ी में अब अमेरिका ने मदद का हाथ बढ़ाया है। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच पिछले 2 महीनों से जातीय हिंसा हो रही है जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।
अमेरिका भारत की सहायता करने के लिए तैयार
ऐसे में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि, अगर कहा जाता है तो मणिपुर हिंसा से निपटने के लिए अमेरिका भारत की सहायता करने के लिए तैयार है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि, अमेरिका के लिए मणिपुर एक मानवीय चिंता है और अगर शांति हो तो यहां अधिक निवेश आ सकता है। एरिक गार्सेटी आगे कहते हैं कि, मुझे पहले मणिपुर के बारे में बोलने दीजिए। हम वहां शांति के लिए प्रार्थना करते हैं जब आप हमसे संयुक्त राज्य अमेरिका की चिंता के बारे में पूछते हैं तो मुझे नहीं लगता कि यह कोई राजनीतिक चिंता है मुझे लगता है कि यह मानवीय चिंता है।
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मणिपुर में शांति के लिए की प्रार्थना
अमरीकी राजदूत एरिक गार्सेटी कहते हैं कि, अगर कहां गया तो हम किसी भी तरह से सहायता करने के लिए तैयार है। हम जानते हैं कि यह एक भारतीय मामला है और हम शांति के लिए प्रार्थना करते हैं क्योंकि हम तभी अधिक सहयोग परियोजनाएं और निवेश ला सकते हैं जब शांति कायम है भारत का पूर्व और उत्तर पूर्व अमेरिका के लिए मायने रखता है इसके लोग स्थान क्षमता और भविष्य हमारे लिए बहुत मायने रखते हैं।
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