Independence Day 2024: इस बार देश आजादी का 78 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। हर साल 15 अगस्त को भारत अपनी आजादी को एक महापर्व के रुप में मनाता है। इस दिन हर कोई देशभक्ति में लीन होता है। 15 अगस्त से पहले ही इसकी तैयारियां शुरु हो जाती है। इस बार भी लोग जोश-उत्साह के साथ 15 अगस्त मना रहे हैं। 15 दिवस के शुभ अवसर पर हर साल प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराते हैं और भाषण देते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि, लाल किले को ही झंडा फहराने के लिए क्यों चुना गया है? ये सवाल कई सारे लोगों के दिमाग में आता तो होगा लेकिन इसका जवाब शायद ही उनके पास हो। आज हम आपको इसी सवाल के जवाब के बारे में बताने जा रहे हैं।
स्वतंत्रता दिवस का झंडा लाल किले से ही क्यों फहराया जाता है?
आपको बता दें, 1947 को जब देश आजाद हुआ था तब, पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सबसे पहले अंग्रेजों के झंडे को उतारकर भारत का झंडा फहराया था। इसके साथ ही भाषण भी दिया था। तब से लेकर आज तक 15 अगस्त का झंडा हर बार लाल किले से ही फहराया जाता है। आपको बता दें,लाल किले का अपना एक इतिहास रहा है। लाल किले को मुगल शासक शाहजहां ने 17वीं शताब्दी में बनवाया था। इसे बनने में 10 साल लगे थे। जब अंग्रेजों ने भारत पर कब्जा किया तो उन्होंने लाल किले पर कब्जा किया और इस धरोहर को काफी तोड़ा भी था। अंग्रेजों के सारे महत्वपूर्ण काम यहां से ही हुआ करते थे। इसीलिए आजादी का पहला झंडा भी इसी लाल किले पर लगाया गया था।
लाल किले का ऐतिहासिक महत्व
लाल किले का इतिहास हमेशा से ही सत्ता केन्द्रित रहा है। 1857 की क्रांति के लिए लाल किला काफी खास रहा है। बादशाह बहादुर शाह जफर लाल किले से ही क्रांतिकारियों को लीड कर रहे थे। यही वजह है कि, जब देश आजाद हुआ तो सबसे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसी ऐतिहासिक इमारत से तिरंगा फहराया था।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।