India China Tension: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर लगातार तनाव बना हुआ है। चीनी सेना के साथ कई बार झड़पों के भी मामले सामने आते रहते हैं। इसी तनाव के बीच सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने पूर्वी सेक्टर पर भारतीय सेनाओं की तैयारियों का जायजा लिया।
#CDS Gen Anil Chauhan visited AF Stn and forward areas in North Bengal on April 08 & 09, 2023. He reviewed the progress of infrastructure development and operational & logistics preparedness in the area.
Read more:https://t.co/SmefOJGAnz@giridhararamane pic.twitter.com/OAyPXxcwLN— A. Bharat Bhushan Babu (@SpokespersonMoD) April 9, 2023
जवानों को सतर्क रहने की दी सलाह
जानकारी के अनुसार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने 8 और 9 अप्रैल को पूर्वी सीमाओं का जायजा (India China Tension) लिया। साथ ही सिक्किम सेक्टर में LAC की सुरक्षा तैयारियों का भी जायजा लिया। उन्होंने पश्चिम बंगाल के सुकना में त्रिशक्ति कोर के मुख्यालय का भी दौरा किया है। इस दौरान उन्होंने जवानों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
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सीडीएस जनरल ने इन क्षेत्रों का किया दौरा
रक्षा मंत्रालय के प्रधान प्रवक्ता ए. भारत भूषण बाबू ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि CDS जनरल अनिल चौहान ने 8 और 9 अप्रैल, 2023 को उत्तर बंगाल में वायुसेना स्टेशन और अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास और परिचालन के साथ-साथ रसद तैयारियों में क्या प्रगति हो रही है, इसकी भी समीक्षा की। इसके साथ ही सीडीएस ने दूर-दराज के इलाकों में तैनात जवानों से भी बातचीत की। इस दौरान अनिल चौहान ने जवानों के मनोबल को बढ़ाया और उनकी सराहना की।
क्या है विवाद
बता दें, हाल ही में चीन ने तीसरी बार अरुणाचल प्रदेश के 11 इलाकों के नाम चीनी अक्षरों में जारी किया था। इसके बाद भारत-चीन तवांग विवाद एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, चीन की ओर से जो लिस्ट जारी की गई थी उसमें भारत के वो इलाके हैं, जिन्हें चीन दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है। इन 11 इलाकों में दो रिहायशी इलाका, दो भूमि क्षेत्र, पांच पर्वती चोटियां और दो नदियां शामिल है। यह पहला मौका नहीं है जब चीन ने ऐसा किया है। इससे पहले भी चीन दो बार ऐसा कर चुका है।
चीन ने सबसे पहले 13 अप्रैल 2017 को अरुणाचल प्रदेश के 6 जगहों के नामों की एक लिस्ट जारी की थी। इसके बाद जनवरी 2021 में 15 इलाकों के नाम बदल दिए थे। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने चीन को जवाब देते हुए कहा था कि हम इसे खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है और आगे भी रहेगा। नाम बदलने से कोई फैक्ट नहीं बदला जा सकता है।