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India-China Tension: ड्रैगन ने एक बार फिर भारत को उकसाया, अरुणाचल के 11 जगहों के नाम बदल तीसरी सूची की जारी

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India-China Tension: चीन ने फिर एक बार भारत को उकसाने वाली हरकत की है। देश के पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश के 11 जगहों के नामों की एक तीसरी सूची जारी की है। 1 अप्रैल 2023 को चीन की स्टेट काउंसिल ने अरुणाचल पर पर चीन के दावे की मंशा से इन जगहों को तिब्बती, चीनी और पिनयिन अक्षरों में मानकीकृत नाम जारी किए हैं। चीन लगातार इसको दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है, जिसे उसने जंगनान नाम दिया है।

जानें क्या है पूरा मामला

बता दें चीन भारत के अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का दक्षिणी भाग जंगनान बताकर अपना हिस्सा होने का दावा ठोंकता है। इस बार फिर से उसके स्टेट काउंसिल ने अरुणाचल के 11 जगहों की तीसरी सूची जारी करके भारत को उकसाने की हरकत कर दी है। कल 3 अप्रैल 2023 को चीन के ग्लोबल टाइम्स के हवाले से छपी एक खबर के मुताबिक रविवार 1 अप्रैल को 11 जगहों के आधिकारिक नाम जारी किए हैं।जिसमें उसने इस बार अरुणाचल के 2 आवासीय, 2 भूमि, 2 नदियों तथा 5 पर्वत चोटियों के नामों को चीनी, तिब्बती तथा पिनयिन अक्षरों में निर्देशित किया है। इस तरह की सूची जारी करने की चीन की यह तीसरी हरकत है। इस तरह के मानकीकृत नामों की सूची इससे पहले 2017 तथा 2021 में जारी कर चुका है। जिसमें पहली सूची में उसने 6 नाम तथा दूसरी सूची में 15 नामों को जारी किया था। बता दें पहली बार तिब्बती धर्मगुरु की 2017 की अरुणाचल यात्रा की आलोचना के बाद उसने पहली सूची जारी कर इस तरह की हरकत की थी।

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चीन करता है ये दावा

दरअसल ग्लोबल टाइम्स सीपीसी के माउथपीस पीपुल्स डेली समूह के नियमित प्रकाशन का हिस्सा है, जो चीनी सरकार के रणनीतिक प्रोपगेंडा को प्रसारित करता है। इसमें चीनी प्रशासन के हवाले से छापा गया है कि भौगोलिक नामों का संशोधित मानकीकरण करना चीन का वैध तथा संप्रभु अधिकार है।

भारत ने किया दावा खारिज

बता दें डोकलाम झड़प के बाद 2021 में जब चीन ने दूसरी सूची जारी की थी। तब के विदेश विभाग के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन के दावे को भारत सरकार की तरफ से खारिज करते हुए कहा था, कि ‘यह पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में इस तरह जगहों के नाम बदलने की कोशिश की है।’ उन्होंने कहा था कि ‘अरुणाचल प्रदेश “सदैव” से भारत का अभिन्न अंग रहा है,और “हमेशा” रहेगा और ‘गढ़े गए’ नामों से तथ्य नहीं बदलता।’

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