India-Maldives Row: भारत के लिए वर्ष 2024 की शुरुआत बेहद खास रही थी। इस वर्ष की शुरुआत के साथ ही पीएम मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा कर वहां पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाने की अपील की थी। पीएम मोदी (PM Modi) के इस अपील का असर हिंद महासागर में स्थित द्वीप देश मालदीव के पर्यटन पर पड़ता नजर आया और सेलिब्रेटी के साथ अन्य लोग मालदीव को छोड़ लक्षद्वीप को बढ़ावा देने की बात करने लगे।
इन सबके बीच मालदीव की पर्यटन व्यवस्ठा प्रभावित हुई और इस द्वीप देश ने आनन-फानन में पीएम मोदी व भारत सरकार को लेकर अमर्यादित टिप्पणी करनी शुरू कर दी। भारत-मालदीव (India-Maldives Row) के बीच तनातनी कुछ इस कदर बढ़ गई कि मालदीव सरकार को अपने 3 मंत्रियों को बर्खास्त करना पड़ा। हालाकि अब दोनों देशों के बीच बैठक कर पुराने संबंध को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है जिससे कि भारत-मालदीव के बीच परस्पर संबंध बरकरार रहें।
इसी कड़ी में भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से मालदीव (Maldives) को लेकर अहम बैठक हुई है जिसमें द्वीप देश को लेकर सरकार की ओर से अहम रुख सामने आया है। ऐसे में आइए हम आपको भारत सरकार के रुख के बारे में विस्तार से बताते हैं।
India-Maldives Row सरकार का स्टैंड
भारत-मालदीव (India-Maldives Row) के बीच चल रही तनातनी के बीच दोनों देशों के अधिकारियों के बीच अहम बैठक होने की खबर है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस संंबंध में साप्ताहिक ब्रीफिंग कर आधिकारिक बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि भारत-मालदीव के बीच कोर ग्रुप की बैठक की गी जिसमे दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं पर चर्चा की है।
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि मालदीव को मानवीय और मेडिकल सेवाएं प्रदान करने वाले भारतीय विमान प्लेटफार्म का संचालन निरंतर जारी रहेगा। इसके अलावा दोनों देशों के बीच पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधान ढूंढने की कोशिश भी की जा रही है। सरकार की ओर से कहा गया है कि भारत-मालदीव के बीच संबंधों को सुधारने की क्रम में अगली बैठक भारत में जल्द की जाएगी।
राष्ट्रपति मुइज्जू के बयान से बिगड़े हालात
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने चीन दौरे के बाद भारत सरकार को लेकर अहम बयान जारी किया था। उन्होंने आधिकारिक तौर पर भारत को मालदीव से अपने सैनिक हटाने के लिए 15 मार्च का समय दिया है। उनके इस ऐलान के बाद दोनों देशों के बीच हालात कुछ हद तक बिगड़ते नजर आए। हालाकि भारत के साथ मालदीव के अधिकारियों का भी दावा है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बैठक कर पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधान की तलाश की जा रही है।
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