Cyber Crime in America: अमेरिका में रह रहे एक भारतीय नागरिक को एक बुजुर्ग से धोखाधड़ी करने के मामले में 33 महीने की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 2.4 मिलियन डॉलर (करीब 20 करोड़ रुपये) मुआवजा देने का भी आदेश सुनाया है।दोषी आशीष बजाज को सजा के बाद भी 2 साल और पुलिस की कड़ी निगरानी में रखने का आदेश दिया है। बता दें 29 वर्षीय आशीष बेहद शातिराना तरीके से बुजुर्गों को ही ठगी के लिए निशाना बनाता था। पिछले साल इसको एक बुजुर्ग से धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था जिसको अगस्त 2022 में नेवार्क की संघीय अदालत ने दोषी ठहराया था।
जानें क्या है पूरा मामला
बता दें अमेरिका में ऑनलाइन ठगी के मामले में एक भारतीय आशीष बजाज को पिछ्ली साल नेवार्क की संघीय अदालत में जिला जज केविन मैकनेकल के सामने प्रस्तुत किया गया था। उस पर आरोप था कि अप्रैल 2020 से अगस्त2021 तक आशीष ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं, ऑनलाइन भुगतान कंपनियों तथा विभिन्न बैंकों के साइबर क्राइम एक्सपर्ट बताकर शिकार होने से बचाने के लिए बुजुर्गों से संपर्क करता था। इसकी आड़ में बुजुर्गों से उनकी बैंकिंग डिटेल हासिल कर लेता था। जिसके बाद वो ऑनलाइन उनके खातों से रकम हड़प लेता था।
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पीड़ितों के हड़पे लाखों डॉलर
आशीष बजाज ने एक गिरोह बनाकर लाखों डॉलर पीड़ितों के खातों से उड़ाकर भारत , चीन, यूएई तथा सिंगापुर के अलावा कई देशों में खुले खातों में ट्रांसफर करके भेज दिए। इसके साथ साथ अमेरिकन खातों में भी डॉलर भेजे थे। जब तक पीड़ित बुजुर्गों को उनके साथ ठगी होने का एहसास हुआ तब तक 2 लाख 50 हजार डॉलर की चपत लग चुकी थी।
सजायाफ्ता आशीष ने आरोपों से किया इनकार
सजायाफ्ता आशीष बजाज ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है। उसने कहा कि उन्होंने तो धोखाधड़ी रोकने के लिए और अपराधियों तक पहुंचने के लिए स्टिंग ऑपरेशन के समय पीड़ितों की मदद भर ली थी। ये जुर्म कैसे हो सकता है? मैं और मेरे साथियों ने तो खुद पहले बताकर कहा था कि हम एक स्टिंग ऑपरेशन कर रहे हैं। इसके लिए पीड़ित हमारे खातों में कुछ रकम ऑनलाइन भेज दें। ताकि हम जांच कर सकें। हमने तो रकम वापस करने का वादा किया था
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