Indian Economy: चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि बढ़कर 8.4 प्रतिशत हो गई, जिसका मुख्य कारण विनिर्माण क्षेत्र में दोहरे अंक की वृद्धि और खनन और उत्खनन तथा निर्माण क्षेत्रों का अच्छा प्रदर्शन है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर 2022 तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की वृद्धि 4.3 प्रतिशत थी।
इसके अलावा वित्त वर्ष 2023 के लिए 7 प्रतिशत के संशोधित अनुमान की तुलना में 2023-24 में Indian Economy 7.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने राष्ट्रीय खातों के अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में 2023-24 के लिए देश की विकास दर 7.6 प्रतिशत आंकी है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर शेयर किया पोस्ट
आपको बता दें कि पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जानकारी देते हुए लिखा कि “2023-24 की तीसरी तिमाही में 8.4% की मजबूत जीडीपी वृद्धि Indian Economy की ताकत और इसकी क्षमता को दर्शाती है। हमारे प्रयास तेज आर्थिक विकास लाने के लिए जारी रहेंगे जिससे 140 करोड़ भारतीयों को बेहतर जीवन जीने और एक विकसित भारत बनाने में मदद मिलेगी”।
जीडीपी क्या है?
ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) किसी एक साल में देश में पैदा होने वाले सभी सामानों और सेवाओं की कुल वैल्यू को कहते हैं। इससे पता चलता है कि सालभर में अर्थव्यवस्था ने कितना अच्छा या ख़राब प्रदर्शन किया है। अगर जीडीपी डेटा सुस्ती को दिखाता है, तो इसका मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था सुस्त हो रही है, और देश ने इससे पिछले साल के मुक़ाबले पर्याप्त सामान का उत्पादन नहीं किया गया। और सेवा क्षेत्र में भी गिरावट रही। वहीं जीडीपी से एक तय अवधि में देश के आर्थिक विकास और ग्रोथ का पता चलता है।
क्या भारत 2030 तक बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था?
बता दें कि इससे पहले एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के अनुसार वित्त वर्ष 2026-27 में 7 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि के पूर्वानुमान के साथ भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इसमें कहा गया है कि देश अगले तीन वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख Indian Economy बनने के लिए भी तैयार है। एसएंडपी की ग्लोबल क्रेडिट आउटलुक 2024 रिपोर्ट में मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में 6.4 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया गया है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 7.2 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट में भारत के लिए एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने के महत्वपूर्ण अवसर को रेखांकित किया गया है, जिसमें परिवर्तन एक मजबूत लॉजिस्टिक्स ढांचे के विकास पर निर्भर है। सर्वोपरि परीक्षण यह होगा कि क्या भारत अगला बड़ा वैश्विक विनिर्माण केंद्र बन सकता है। एक मजबूत लॉजिस्टिक्स ढांचा विकसित करना भारत को सेवा-प्रधान अर्थव्यवस्था से विनिर्माण-प्रमुख अर्थव्यवस्था में बदलने में महत्वपूर्ण होगा।
तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 8.4 प्रतिशत
●Q3 में कृषि में 0.8% की गिरावट आई, जबकि Q2 में 1.6% की वृद्धि हुई।
●खनन में 7.5% की वृद्धि हुई, जो पिछली तिमाही में 11.1% थी।
●विनिर्माण में 11.6% का विस्तार हुआ, जबकि पिछली तिमाही में यह 14.4% था।
●बिजली और अन्य सार्वजनिक उपयोगिताओं में 10.5% के मुकाबले 9% की वृद्धि हुई।
●निर्माण में 13.5% की तुलना में 9.5% की वृद्धि हुई।
●व्यापार, होटल, परिवहन और संचार में 4.5% के मुकाबले 6.7% का विस्तार हुआ।
सरकार ने जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.6 प्रतिशत किया
सरकार ने 31 मार्च, 2024 को समाप्त होने वाले पूरे वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान 7.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.6 प्रतिशत कर दिया, आरबीआई द्वारा अपने तुलनीय पूर्वानुमान को 7.0 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत करने के लगभग तीन सप्ताह बाद। अगले वित्तीय वर्ष के लिए, आरबीआई ने पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत, दूसरी में 6.8 प्रतिशत, तीसरी में 7.0 प्रतिशत और चौथी में 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
दुनिया के बड़े बड़े देशों में मंदी चल रही है
दुनिया पर क्या एक बार फिर से मंदी का खतरा मंडरा रहा है। हम इसलिए ऐसा कह रहे है कि हाल ही में जापान और ब्रिटेन जैसी बड़ी इकोनॉमी मंदी में आ गई है। आपको बता दें कि जीडीपी में गिरावट से जापान को भारी नुकसान हुआ है। जापान पहले दुनिया की तीसरी सबसे अर्थव्यवस्था था लेकिन अब वह 1 अंक नीचे लुढ़क कर चौथे स्थान पर खिसक गया है। हालांकि भारत में इसका प्रभाव पड़ने की उम्मीद कम है।
क्या Indian Economy 5 ट्रिलियन इकोनॉमी की ओर अग्रसर
बता दें कि कुछ दिन पहले केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्तीय वर्ष – 2024-25 में 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने और इस दशक के अंत तक पूंजी दोगुनी होकर 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की ओर अग्रसर है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है। अगर ऐसा होता है तो भारत के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी।