Friday, November 22, 2024
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Indian Railways: हाथियों के लिए मसीहा बनेगा ये AI, ट्रेन की चपेट में आकर अब नहीं जाएगी जान

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Uttarakhand News: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चल रही बीजेपी सरकार ने राज्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में आज सीएम कैंप कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में AI पर आधारित एक सेमिनार का आयोजन किया गया है।

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UPSC Prelims 2024 padhAI App: तकनीक के इस बढ़ते दौर ने मानव जीवन को बेहद सरल बना दिया है। इसी क्रम में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से इंसान घंटे भर समय लगने वाले काम को मिनटों में ही निपटा ले रहा है।

Indian Railways: पिछले कुछ सालों में भारतीय रेलवे (Indian Railways) की दशा काफी अधिक बदल गई है। भारतीय रेलवे ने अपने नेटवर्क से लेकर सिंगलिंग सिस्टम तक में काफी बड़ा सुधार किया है। ऐसे में जहां एक ओर रेलवे अपने ढांचेगत सिस्टम को लगातार विकसित कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर सीएजी (CAG) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 से लेकर 2021 के बीच लगभग 63000 से अधिक जानवरों की मौत रेल दुर्घटनाओं में हुई। इसमें 73 हाथी भी शामिल है।

Indian Railways की AI तकनीक

ऐसे में जब भी हाथी की टक्कर ट्रेन से होती है तो हाथी को चोट लगती है और ट्रेन को भी नुकसान होता है। ऐसे में भारतीय रेलवे ने इसके निपटान के लिए एक नया तरीका ढूंढ लिया है। दरअसल, अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की सहायता से हाथी और ट्रेन की टक्कर होने से रोका जाएगा।

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इन्हें मिलेगा सबसे पहले अलर्ट

रेलवे की तरफ से एक बयान में कहा गया है कि एआई आधारित आईडीएस यानि कि घुसपैठ जांच प्रणाली को लगाया जाएगा। इसमें आप्टिकल फाइबर के इस्तेमाल से ट्रेन की पटरियों के आसपास जंगली जानवरों की सभी गतिविधियों को ट्रैक को किया जा सकेगा। अगर किसी भी तरह से हाथी रेड जोन में प्रवेश कर रहा है तो इससे सेंसरों के नियंत्रण कार्यालयों को, स्टेशन मास्टर, गेटमैन और लोको पायलट को इसके लिए सतर्क किया जाएगा। वहीं, हाथी का विवरण और ट्रैक से उसकी दूरी के बारे में लोको पायलट को बहुत अच्छे से जानकारी दी जाएगी।

60 किलोमीटर का दायरा करेगा कवर

इस सिस्टम की खास बात ये है कि ये एआई आधारित सिस्टम 60 किलोमीटर की दूरी तक हाथियों की आसामान्य गतिविधियों पर नजर रख सकता है। इसके साथ ही ये सिस्टम रेलवे ट्रैक पर क्रेक और रेलवे ट्रैक पर अतिक्रमण और रेलवे पटरियों के पास अवैध अतिक्रमण के चलते भूस्खलन की घटनाओं की जानकारी देने में सक्षम होगा।

सफल रहा पायलट प्रोजेक्ट

उधर, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ मिलकर इस एआई आधारित सिस्टम को लगाने के लिए समझौता भी कर लिया है। आगे बताया गया है कि इस सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले से ही पश्चिम बंगाल और असम के डिवीजन में शुरू की गई थी। इसका नतीजा भी सफल रहा है। इस सिस्टम ने हाथियों की जान बचाने का अच्छा काम किया है।

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Amit Mahajan
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अमित महाजन DNP India Hindi में कंटेंट राइटर की पोस्ट पर काम कर रहे हैं.अमित ने सिंघानिया विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म में डिप्लोमा किया है. DNP India Hindi में वह राजनीति, बिजनेस, ऑटो और टेक बीट पर काफी समय से लिख रहे हैं. वह 3 सालों से कंटेंट की फील्ड में काम कर रहे हैं.

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