International Day of Girl Child 2024: देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में आज यानी 11 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस (International Day of Girl Child 2024) का उद्देश्य लड़कियों के अधिकारों के प्रति जागरूकता का प्रसार करना और उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को उजागर करना है। इसके अलावा इस खास दिन पर लड़कियों को सशक्त करने के महत्व पर भी चर्चा होती है।
भारत के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आज केन्द्र की मोदी सरकार (PM Modi) द्वारा शुरू किए गए एक खास अभियान की चर्चा हो रही है। इस अभियान का नाम है ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान। अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर हम आपको ये बताने की कोशिश करेंगे कि मोदी सरकार के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान (Beti Bachao Beti Padhao) से कैसे तस्वीर बदलने का काम किया है और मिशन की सफलता से क्या-क्या हासिल हुआ है?
Beti Bachao Beti Padhao अभियान का उद्देश्य?
केन्द्र की मोदी सरकार (PM Narendra Modi) द्वारा 22 जनवरी 2015 को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान (Beti Bachao Beti Padhao) की शुरुआत पानीपत, हरियाणा से की गई थी। इस अभियान का उद्देश्य लैंगिक भेदभाव को मिटाना और महिलाओं का सशक्तीकरण करना है। इसके अलावा अभियान के तहत कन्या भ्रूण हत्या रोकना, बालिकाओं के अधिकार की रक्षा करना, बालिकाओं अहमियत पर जोर देना और उनकी भागीदारी शिक्षा और रोजगार के अवसरों सुनिश्चित कराना है।
Beti Bachao Beti Padhao अभियान का हासिल?
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 2024 (International Day of Girl Child 2024) के अवसर पर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान (Beti Bachao Beti Padhao) के हासिल का जिक्र भी किया जा रहा है। बता दें कि केन्द्र सरकार ने शुरुआत में इस योजना का बजट 100 करोड़ रुपये रखा जिसे साल 2017-18 में बढ़ाकर 200 करोड़ रुपये कर दिया गया। लोकसभा में केन्द्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार इस योजना के लिए निर्धारित कुल बजट का करीब 84 प्रतिशत अब तक खर्च किया गया है और और इसमें से अधिकतर पैसा (करीब 164 करोड़) जागरूकता और प्रचार अभियानों पर खर्च हुआ है।
छात्राओं के सकल नामांकन अनुपात (GIR) की बात करें तो इसमें सुधार देखने को मिला है। वर्ष 2016-17 की बात करें तो तब लड़कियों का GIR (23.8), लड़कों (24.3) की तुलना में कम था। हालाकि बीतते समय के साथ 2020-21 में ये आंकड़ा लड़कों के अनुपात 27.3 को पार कर 27.9 पर पहुंच गया। वहीं अब ये आंकड़ा 28.3 जिसे वर्ष 2035 तक 50% करने का लक्ष्य है।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का एक बड़ा हासिल लिंग अनुपात के आंकड़ों में सुधार होना भी है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2024 में भारत का लिंग अनुपात 1000 पुरुषों पर 1020 महिलाएं होने का अनुमान है। हालाकि ग्रामीण इलाकों में स्थिति अब भी चिंताजनक बनी हुई है जिसे सुधारने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि वर्ष 2011 में लिंग अनुपात 1000 लड़कों पर 943 लड़कियां था जिसमें बीतते समय के साथ सुधार दर्ज किया जा रहा है।
International Day of Girl Child 2024 की खास बात
आज यानी 11 अक्टूबर को देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 2024 (International Day of Girl Child 2024) मानया जा रहा है। इस खास दिवस की शुरुआत वर्ष 2012 में सभी राष्ट्रों द्वारा की गई थी। इस दिन लड़कियों से जुड़े मुद्दों पर जिम्मेदारी संस्थाओं का ध्यान केंद्रित कराया जाता है। आज के दिन स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यशालाएं और चर्चा सत्र आयोजित किए जाते हैं। इसमें लड़कियों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होती है और अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।