ISRO Scientist Passes Away: चंद्रयान-3 के जरिए भारत ने चंद्रमा पर अपनी जगह बना ली है। यह खबर भारतवासियों के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है जिसकी जानकारी खुद इसरो ने शनिवार को दी कि रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर पूरी तरह स्लीप मोड में है। लेकिन इस सबके बीच एक बड़ी दुखभरी खबर सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि ‘चंद्रयान 3’ मिशन की अहम सदस्य रही एन वलारमथी अब इस दुनिया में नहीं रही। चंद्रयान 3 को विदा करने वाली यह वैज्ञानिक हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह गई है। मिली जानकारी के मुताबिक हार्ट अटैक के चलते वलारमथी का निधन हो गया है। निश्चित तौर पर यह इसरो और भारत के लिए किसी क्षति से कम नहीं है।
इसरो के पूर्व वैज्ञानिक डॉक्टर वेंकटकृष्ण ने जताया दुख
रिपोर्ट के मुताबिक वलारमथी तमिलनाडु के अरियालुर की रहने वाली थी जो शनिवार शाम को इस दुनिया को हमेशा के लिए छोड़ गई। इस दुख की घड़ी पर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक डॉक्टर वेंकटकृष्ण ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, “श्रीहरिकोटा से इसरो के भविष्य के मिशनों की उल्टी गिनती में वलारमथी मैडम की आवाज नहीं होगी। चंद्रयान-3 उनकी अंतिम उल्टी गिनती की घोषणा थी। एक और अप्रत्याशित निधन। बहुत दुख हो रहा है। प्रणाम।”
देश के पहले स्वदेशी रडार इमेजिंग सैटेलाइट RISAT की परियोजना निदेशक थी वलारमथी
वहीं इस मंजे हुए वैज्ञानिक के चले जाने के बाद इसरो ने भी इस पर दुख व्यक्त किया है। बता दें कि ‘चंद्रयान 3’ की लांचिंग के समय काउंटडाउन की गिनती वलारमथी ने लगाई थी। वही वह देश के पहले स्वदेशी रडार इमेजिंग सैटेलाइट RISAT की परियोजना निदेशक भी रह चुकी है। गौरतलब है कि 23 अगस्त को चांद के उत्तरी ध्रुव पर लैंड करने वाले चंद्रयान को श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। जहां चंद्रयान ने भारत के लिए इतिहास रच दिया है और दक्षिणी धूप पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। ऐसे में वलारमथी का निधन भारतवासियों के लिए झटका है।
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