Jagdeep Dhankhar on Rahul Gandhi: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की हालिया ब्रिटेन यात्रा के दौरान की गई टिप्पणी को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस विवाद में अब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी परोक्ष रूप से टिप्पणी की है। धनखड़ ने टिप्पणी करते हुए नेताओं को सलाह दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि- ‘एक सिंपल सलाह है, जब भी देश के बाहर जाएं, राजनीतिक चश्मे को यहीं छोड़ जाएं।’
एक simple सलाह है –
जब भी देश के बाहर जायें,
राजनीतिक चश्मे को यहीं छोड़ जाएं।— Vice-President of India (@VPIndia) April 10, 2023
‘क्या कभी आपने देखा है…’
गौर हो कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज विश्व होम्योपैथी दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2047 में भारत अपनी आजादी की शताब्दी की नींव रख रहा है। ऐसे में देश की गरिमा पर हमला करने की हर कोशिश को कुंद किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि- ‘क्या कभी आपने देखा है कि विदेश से कोई गणमान्य व्यक्ति हमारे यहां आता है, और उसने कभी अपने देश के बारे में बुरी बात कही हो? कभी नहीं! चिंतन का विषय है कि हमारे कुछ लोग ऐसा क्यों करते हैं?’
क्या कभी आपने देखा है कि विदेश से कोई गणमान्य व्यक्ति हमारे यहाँ आता है, और उसने कभी अपने देश के बारे में बुरी बात कही हो?
कभी नहीं!
चिंतन का विषय है कि हमारे कुछ लोग ऐसा क्यों करते हैं? pic.twitter.com/ayTewWfLWH
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अमृत काल में लें ये संकल्प
धनखड़ ने कहा कि हम अपने वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य योद्धाओं पर गर्व क्यों नहीं कर सकते और उनके नवाचार की सराहना क्यों नहीं कर सकते? उन्होंने कहा कि अमृत काल में ये संकल्प लें- भारत और भारतीयता पर गर्व करेंगे, अपने शरीर को स्वस्थ रखेंगे, देश हो या विदेश, भारत की प्रतिष्ठा को बढाएंगे & इस पर कोई आंच नहीं आने देंगे।’
अमृत काल में ये संकल्प लें-
भारत और भारतीयता पर गर्व करेंगे,
अपने शरीर को स्वस्थ रखेंगे,
देश हो या विदेश, भारत की प्रतिष्ठा को बढाएंगे & इस पर कोई आंच नहीं आने देंगे। @moayush pic.twitter.com/6OPP97i2I5
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अजीब लगता है, जब पतंग और दीया जैसी चीजें भी बाहर से आती हैं
जगदीप धनखड़ ने कहा कि- ‘अजीब लगता है, जब पतंग और दीया जैसी चीजें भी बाहर से आती हैं। जो चीज यहां बन सकती है, क्या वो बाहर से आनी चाहिए? हमारी प्रतिभा में कहां कमी है? देश के व्यापारियों-उद्योगपतियों से आह्वान करते हुए कहा कि आर्थिक राष्ट्रवाद के विचार को बढ़ावा दें। साथ ही उन्होंने कहा कि कौशल, प्रतिभा, योग्यता, सब अर्थहीन हैं, यदि काया रोगी है, राष्ट्र निर्माण में तभी योगदान दे पाएंगे जब आप स्वस्थ होंगे।’
Why can't we take pride in our scientists & health warriors?
Why can't we compliment our innovations?
We must believe in ourselves… believe in our own talent.
And this has to be our national culture. @moayush pic.twitter.com/rIlTTVCce7
— Vice-President of India (@VPIndia) April 10, 2023