Saturday, November 23, 2024
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Judiciary Under Threat: वकीलों ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर न्यायपालिका की अखंडता पर जताई चिंता, पीएम मोदी ने किया ट्वीट

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SC on Bulldozer Action: देश के अलग-अलग राज्यों में बुलडोजर एक्शन के तहत न्याय की नई परिभाषा गढ़ने वाले सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज बुलडोर एक्शन पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि सत्ता का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं होगा।

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Aligarh Muslim University: सुप्रीम कोर्ट ने आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे से जुड़े मुद्दे पर फैसला सुनाते हुए अहम टिप्पणी की है। कोर्ट की ओर से चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने स्पष्ट किया है कि Aligarh Muslim University का अल्पसंख्यक दर्जा अभी बरकरार रहेगा।

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Judiciary Under Threat: हरीश साल्वे समेत 500 से अधिक प्रमुख वकीलों ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर न्यायपालिका की अखंडता को कमजोर करने के प्रयासों पर चिंता वयक्त की है। बता दें कि जिन वकीलों ने सीजेआई को पत्र लिखा उनमें हरीश साल्वे, मनन कुमार मिश्रा, आदिश अग्रवाल, चेतन मित्तल, पिंकी आनंद, हितेश जैन के अलावा देशभर से 500 से ज्यादा वकील शामिल है।

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना

बता दें कि 500 से अधिक प्रमुख वकीलों ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर न्यायपालिका की अखंडता को कमजोर करने के प्रयासों पर चिंता वयक्त की है। जिसे लेकर पीएम मोदी ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि “दूसरों को डराना-धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है। 5 दशक पहले ही उन्होंने “प्रतिबद्ध न्यायपालिका” का आह्वान किया था – वे बेशर्मी से अपने स्वार्थों के लिए दूसरों से प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि 140 करोड़ भारतीय उन्हें अस्वीकार कर रहे हैं।”

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चैयरमैन ने क्या कहा?

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चैयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि “हमने भारत के मुख्य न्यायाधीश से कहा है कि जिस तरह से कुछ वकीलों द्वारा चुनाव का मौसम चुना गया है और हमारी न्यायपालिका जैसी पवित्र संस्था को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। वे अपनी पसंद का फैसला चाहते हैं। जब भ्रष्टाचार के मामले में शामिल किसी आरोपी को अदालत से राहत नहीं मिलती है, तो सोशल मीडिया के दुरुपयोग के माध्यम से दबाव की रणनीति अपनाई जाती है ताकि उन्हें अपनी पसंद के अनुसार फैसला मिल सके”।

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