Sunday, December 22, 2024
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सावधान! Kanwar Yatra 2024 के दौरान दिल्ली-एनसीआर के इन रूटों पर यात्रा करने से बचें, ट्रैफिक पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

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Kanwar Yatra 2024: 22 जुलाई से सावन के पावन महीने की शुरूआत हो चुकी है। दिल्ली एनसीआर में कांवरियों की आवाजाही को देखते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर दी है। कांवड़ यात्रा में भक्तों की भारी बीड़ उमड़ने की उम्मीद है। गौरतलब है कि ट्रैफिक एडवाइजरी में कई रूटों पर यात्रियों को न जानें देने की सलाह दी गई है।

इन रास्तों से होकर गुजरेगी कांवड़ यात्रा

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार दिल्ली के इन रूटों से होकर कांवड़ यात्रा गुजरेगी।

●अप्सरा बॉर्डर-शाहदरा फ्लाईओवर-सीलमपुर टी प्वाइंट-आईएसबीटी फ्लाईओवर बुलेवार्ड रोड-रानी झांसी रोड-फैज रोड-अपर रिज रोड-धौला कुआं-एनएच-8 और हरियाणा के लिए रजोकरी बॉर्डर से यात्रा गुजरेगी।

●कालिंदी कुंज, मथुरा रोड बदरपुर बॉर्डर।

●कालिंदी कुंज, मथुरा रोड, मोदी मिल, मां आनंद माई मार्ग, एमबी रोड।

●भोपुरा बॉर्डर, वजीराबाद रोड, लोनी फ्लाईओवर, गोकुलपुरी टी प्वाइंट, 66 फुटा रोड, सीलमपुर टी प्वाइंट, एनएच1 और आगे नए आईएसबीटी ब्रिज की ओर।

गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

●आपको बता दें कि गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जानकारी देते हुए लिखा कि “श्रावण काँवड़ यात्रा वर्ष-2024 के दृष्टिगत दिनांक 27/07/2024 रात्रि 00:00 बजे से हल्के वाहनों के आवागमन के डायवर्जन सम्बन्धी ट्रैफिक एडवाइजरी कमिश्नरेट गाजियाबाद”।

●मोहननगर से वसुन्धरा फ्लाईओवर के मध्य सभी प्रकार के ऑटो का संचालन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा

●सभी प्रकार के ऑटो का संचालन सीमापुरी बॉडर्र से लाल कुआ के मध्य पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या – 34 ( पूर्व में एन0एच-58) कांवड़ मार्ग पर भी सभी प्रकार के ऑटो आदि का संचालन भी पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।

●मेरठ तिराहा से हिण्डन नदी, कनाबनी एवं इन्दिरापुरम की तरफ की तरफ किसी भी वाहन को नहीं जानें दिया जाएगा। इन बाहनों को पुराना बस अड्डा से चौधरी मोड होते हुए डायबर्ट कर विजय नगर रेलवे पुल से एन.एच-09 होते हुए अपने गंतव्य को भेजा जाएगा।

गौरतलब है कि सावन के महीने में भारी संख्या में कांवड़ियां जल लेकर हरिद्वार जाते है और भगवान शिव को अर्पित करते है। वहीं कई कांवड़िया हरिद्वार से जल लाकर अपने पास के मंदिर में भगवान भोले को चढ़ाते है।

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