Kapil Sibal: लोकसभा चुनाव 2024 का रण जारी है। इस चुनाव में सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। गौरतलब है कि अब महज 2 चरणों का ही मतदान बाकी रह गया है। मालूम हो कि छठे चरण का मतदान 25 मई 2024 को होना है। वहीं सातवें चरण का मतदान 1 जून को होना है। सियासी घमासान जारी है। आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। इसी बीच वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने फॉर्म 17सी को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाएं सवाल।
कपिल सिब्बल ने क्या कहा?
दरअसल भारत के चुनाव आयोग द्वारा फॉर्म 17सी के सार्वजनिक खुलासे की याचिका का विरोध करने पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि “ईसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है जिसमें कहा गया है कि उसके पास फॉर्म 17 अपलोड करने का कोई कानूनी आदेश नहीं है जो एक मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों का रिकॉर्ड है। फॉर्म 17 पर पीठासीन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किया जाता है और मतदान के अंत में पोलिंग एजेंट को दिया जाता है।
सूचना सीधे ईसीआई को भी भेजी जाती है। अब ईसीआई उस डेटा को वेबसाइट पर क्यों नहीं डालता? समस्या क्या है? इस प्रक्रिया में क्या हो सकता है कि गिने जाने वाले वोटों की संख्या वास्तव में डाले गए वोटों की संख्या से अधिक होगी। हमें नहीं पता कि क्या सही है? ECI इसे वेबसाइट पर डालने से क्यों कतरा रहा है? कोई भी इसे रूपांतरित नहीं कर सकता. पार्टियों को संदेह हो रहा है”।
ECI ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने बुधवार यानि 22 मई को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया गया था जिसमें कहा गया था कि 17 सी प्रत्येक मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों का रिकॉर्ड के आधार पर मतदाता मतदान डेटा का खुलासा करने से मतदाताओं में भ्रम पैदा होगा क्योंकि इसमें डाक मतपत्र की गिनती भी शामिल होगी। इसी को लेकर आज कपिल सिब्बल ने मीडिया से बात करते हुए इस विषय पर अपनी बात रखी।