Karnataka Election 2023: देश के दक्षिणी राज्य कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले सियासत का नाटक जारी है। दरअसल, 2 मई मंगलवार को कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया था। कांग्रेस ने घोषणापत्र में वादा किया था कि अगर सत्ता में आए तो बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगा देंगे।
चुनाव से पहले तीखे बयानों का दौर
ऐसे में अब कर्नाटक की राजनीति एक बार फिर से तीखे बयानों का सामना कर रही है। वहीं, चुनावी घोषणापत्र में इस वादे के बाद से कांग्रेस की चौतरफा आलोचना हो रही है। भारतीय जनता पार्टी और बजरंग दल इसका तीखा विरोध कर रहे हैं।
कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष ने क्या कहा
ऐसे में अब कांग्रेस ने इस मामले में अपना बचाव करने की कोशिश शुरू कर दी है। कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने गुरुवार को मैसूरु के चामुंडेश्वरी मंदिर का दौरा करने के दौरान कहा कि हमारी सरकार सत्ता में आती है तो राज्य में जगह-जगह पर हनुमान जी का मंदिर बनवाएंगे। डीके शिवकुमार ने कहा कि हमारी सरकार हनुमान जी के मंदिर निर्माण को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण को कैसा काम चल रहा है हम इसके लिए एक बोर्ड का भी गठन करेंगे। इसके अलावा हनुमान जी सिधांतों तो युवाओं तक पहुंचाने के लिए एक स्पेशल प्रोग्राम भी चलाएंगे।
भाजपा की स्थिति साफ नहीं- कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख
कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि अभी तक राज्य में हनुमान मंदिरों को विकसित करने को लेकर कोई काम क्यों नहीं किया गया। कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख ने आगे कहा कि भाजपा ने इस दौरान कितने मंदिरों का निर्माण करवाया। इस मामले में भाजपा की स्थिति साफ नहीं है। हम काफी मजबूती से मानते हैं कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए हर तालुक पर अधिक से अधिक जागरूकता अभियान चलाएगी। ऐसा करके हम ज्यादा लोगों को हनुमान जी के रास्ते पर ला पाएंगे।
भाजपा वाले बजरंग दल को मुद्दा बना रहे
वहीं, डीके शिवकुमार ने कहा कि भाजपा वाले बजरंग दल को मुद्दा बना रहे हैं। मगर पार्टी को इससे कोई समस्या नहीं है। डीके शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलेगा। उन्होंने कहा कि बजरंगबली की तुलना कभी भी बजरंग दल से नहीं की जी सकती है। बजरंग दल एक सियासी दल है, जो कि भाजपा को फायदा पहुंचाने का काम करता है।
कांग्रेस ने घोषणापत्र में क्या कहा
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा कि हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति, बजरंग दल या फिर पीएफआई और नफरत फैलाने वाले दूसरे संगठन चाहे वो अल्पसंख्यक हो या फिर बहुसंख्यक। वे कानून और संविधान से ऊपर नहीं है, ऐसे में वह इसका उल्लंघन नहीं कर सकते हैं। हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने के साथ ही अहम कार्रवाई करेंगे।
मालूम हो कि कर्नाटक में 10 मई को राज्य की 224 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे, जबकि 13 मई को वोटों की गिनती की जाएगी।
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