Karnataka News: देश के विभिन्न हिस्सों में अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर तैयारी चल रही है। इस क्रम में विभिन्न मंदिरों में सजावट व पूजा-पाठ की योजना बनाई जा रही है। हालाकि देश में एक राज्य ऐसा भी है जहां अब राम मंदिर आंदोलन से जुड़े 31 वर्ष पुराने मामले में एक कारसेवक को गिरफ्तार किया गया है जिसको लेकर खूब सुर्खियां बन रही हैं। दरअसल कर्नाटक के हुबली में बाबरी मस्जिद ढ़हने के बाद प्रदर्शन किया गया था। इस मामले में कारसेवक श्रीकांत पुजारी भी आरोपी बने थे। अब प्रशासन ने इस मामले में लगभग तीन दशक बाद कारसेवक श्रीकांत पुजारी को गिरफ्तार किया है। इस पूरे प्रकरण को लेकर भाजपा आग-बबूला हो उठी है और कर्नाटक में इस गिरफ्तारी के विरोध में प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया जा रहा है।
BJP चीफ का अहम दावा
कर्नाटक (Karnataka) में भाजपा के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र की ओर से इस पूरे प्रकरण में अहम दावा किया गया है। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि “हम कांग्रेस सरकार के इस हिंदू विरोधी रुख की निंदा करते हैं।” इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि “कांग्रेस सरकार ने प्रतिबंधित पीएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले वापस ले लिए हैं। लेकिन अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक के इस पवित्र अवसर के दौरान राम भक्तों के खिलाफ मामलों को आगे बढ़ाना चाहती है।”
भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने इस पूरे प्रकरण में अपने कार्यकर्ताओं व नागरिकों से आज फ्रीडम पार्क, ब्लोर और राज्य भर में चल रहे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आग्रह किया है।
भाजपा ने साधा निशाना
कर्नाटक में बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ नेता सीटी रवि ने इस प्रसंग में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। उनकी ओर से स्पष्ट किया गया है कि “कांग्रेस नहीं चाहती थी कि अयोध्या में राम मंदिर बने।” इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि “कांग्रेस पार्टी की इच्छा अयोध्या में राम मंदिर बनाने की होती तो हमें आजाद भारत में मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ता, आजादी की शुरुआत में ही अयोध्या में राम मंदिर बन गया होता।” सीटी रवि के साथ पार्टी अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र के दावे को लेकर अब खूब सुर्खियां बन रही हैं।
CM सिद्धारमैया का रुख
राम मंदिर आंदोलन से जुड़े एक मामले में कारसेवक श्रीकांत पुजारी की गिरफ्तारी को लेकर सीएम सिद्धारमैया की ओर से भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि अगर किसी ने गलती की है तो हम क्या करेंगे? उन्होंने कहा है कि प्रशासन द्वारा नियम-कानून के हिसाब से काम किया गया है और ये कोई नफरत की राजनीति नहीं है।
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