Karnataka News: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार बीते दिन से ही खूब सुर्खियों में है। दरअसल सीएम सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली इस सरकार ने बीते दिन एक विधेयक को मंजूरी दी थी जिसमें कन्नड समुदाय के लोगों को राज्य के सभी प्राइवेट नौकरियों में शत प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान था। कांग्रेस (Congress) सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को लेकर खूब विवाद मचा और अंतत: इस फैसले को तत्काल प्रभाव से ही होल्ड पर रख दिया गया है।
कांग्रेस की सिद्धरमैया सरकार द्वारा अचानक लिए गए इस यू-टर्न वाले फैसले को लेकर अब कर्नाटक (Karnataka News) की प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सरकार को घेरा है। बीजेपी की ओर से वरिष्ठ नेता सी.टी रवि ने कांग्रेस सरकार को इस फैसले को ‘नाटकबाजी’ करार दिया है। उनका कहना है कि कर्नाटक में माहौल अब पूरी तरह से सिद्धरमैया सरकार के खिलाफ है।
BJP का करारा प्रहार
कर्नाटक सरकार द्वारा कन्नड समुदाय के लिए प्राइवेट नौकरियों में शत प्रतिशत आरक्षण देने वाले फैसले को होल्ड पर रखने के बाद से BJP लगातार हमलावर है।
बीजेपी की ओर से पार्टी के वरिष्ठ नेता सी.टी रवि ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि “यह सब ‘नाटकबाजी’ है। वर्तमान में माहौल अब पूरी तरह से सीएम सिद्धरमैया और कांग्रेस सरकार के खिलाफ है।”
देश के दक्षिणी हिस्सों में स्थित तमिलनाडु से भी कर्नाटक सरकार के इस फैसले को लेकर प्रतिक्रिया सामने आ रही है। तमिलनाडु में बीजेपी के वरिष्ठ नेता सी.आर केसवन का कहना है कि “पहले कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने ट्वीट कर कहा कि निजी क्षेत्र में नौकरी कोटा को मंजूरी दे दी गई है। फिर कुछ समय बाद उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। फिर रहस्यमय तरीके से ट्वीट सामने आया और कहा गया कि इसे आगे की चर्चा के लिए रोक दिया है। कांग्रेस सरकार ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि उन्हें घेर लिया गया है और जो कथित घोटाले हुए हैं, उनके खिलाफ वह असहाय हैं।”
Congress सरकार का यू-टर्न
कांग्रेस की कर्नाटक सरकार ने बीते दिन की कैबिनेट की एक बैठक में कन्नड समुदाय के लोगों के लिए बड़ा फैसला लिया था। सीएम सिद्धरमैया द्वारा ट्वीट कर जानकारी दी गई कि कन्नड समुदाय के लोगों को निजी क्षेत्र से जुड़ी नौकरियों में शत प्रतिशत आरक्षण देने से जुड़े विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। हालाकि फिर बाद में विवाद के बीच सीएम सिद्धरमैया की ओर से ट्वीट डीलिट कर दिया गया और इस फैसले को होल्ड पर रखा गया।