Home ख़ास खबरें Karnataka News: श्रवण कुमार बन मां को स्कूटर से करवा रहा तीर्थ...

Karnataka News: श्रवण कुमार बन मां को स्कूटर से करवा रहा तीर्थ स्थलों की यात्रा, देश के साथ विदेशों की भी करवाई सैर

0

Karnataka News: मां बाप की सेवा करना सबसे बड़ा पुण्य का काम माना जाता है। अक्सर हमें ये बताया जाता है कि मां बाप के कदमों में ही जन्नत होती है इसलिए हमें इनकी हमेशा सेवा करनी चाहिए। कलयुग में अपने अक्सर बेटों को मां – बाप को प्रताड़ित करने के बारे में सुना होगा लेकिन कर्नाटक के रहने वाले एक शख्स ने खास मिशाल पेश की है। यह शख्स पिछले 5 सालों से अपने मां को स्कूटर पर बिठाकर अलग – अलग देशों की यात्रा करवा रहे हैं।

इस शख्स का नाम दक्षिणमूर्ति कृष्ण कुमार है जो कर्नाटक राज्य के मैसूर के रहने वाले हैं। उन्होंने श्रवण कुमार बनाकर अपनी मां को 16 जनवरी 2018 से विभिन्न तीर्थ स्थलों के दर्शन करवा रहें हैं। दक्षिणमूर्ति कृष्ण कुमार कर्नाटक में ही कॉर्पोरेट मैनेजर थे और उन्होंने अपने इस पद से त्यागपत्र दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अभी तक शादी भी नहीं की है।

66,000 किलोमीटर की यात्रा पूर्ण

कृष्ण कुमार बताते हैं कि पिछले पांच सालों से वो अपनी मां को विभिन्न देशों की यात्रा करवा रहे हैं और अभी तक उन्होंने 66000 किलोमीटर की यात्रा को पूरा कर लिया है। देश के साथ ही वह अपनी मां को विदेशों की यात्रा करवा चुके हैं। उन्होंने जानकारी दिया है कि कुछ महीनों पहले उन्होंने अपनी मां को नेपाल भूटान और म्यांमार की यात्रा करवाई है। कृष्ण कुमार बताते हैं कि उनकी मां का नाम चूड़ारत्नम्मा है। इस यात्रा को मैने मातृ सेवा संकल्प यात्रा नाम दिया है।

इस यात्रा के पीछे उद्देश्य को बताते हुए उन्होंने कहा कि मेरी मां हमेशा से गांव में रही है। मां ने चारदीवारी और छत को छोड़कर कुछ भी नहीं देखा है। इसलिए अब मैं श्रवण कुमार बनकर उन्हें दुनिया का सैर करवाना चाहता हूं कि। इसके साथ ही उन्होंने प्रयागराज की यात्रा करने के बाद कहा कि अभी कुछ दिनों में वो बनारस जाने वाले वाले हैं उनके बाद अपनी मां को लेकर बिहार जाएंगे और धार्मिक स्थलों के दर्शन करवाएंगे।

इसे भी पढ़ें: UP Politics: निकाय चुनाव से पहले CM Yogi ने दिया करोड़ों का तोहफा, पाकिस्तान को लेकर कह दी ये बात

स्कूटर से यात्रा करवाने को लेकर कही ये बात

वहीं कृष्ण कुमार से जब स्कूटर को लेकर पूछा गया कि अपने इस यात्रा के लिए स्कूटर क्यों चुना तो इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि यह स्कूटर मेरे पापा की दी हुई निशानी है। जब मैने साल 2001 में अपना डिप्लोमा का कोर्स पूरा किया था तो पापा ने मुझे इसे गिफ्ट के रूप में दिया था। ऐसे में आज पिता के न होने पर मैं इस स्कूटर से मां को यात्रा करवा रहा हू। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 150 किमी की यात्रा करते हैं और इस दौरान खाने में शाकाहारी भोजन का प्रयोग करते हैं। इस यात्रा के लिए किसी से भी सहयोग नहीं लिया जाता है। रात्रि विश्राम के लिए मठ या फिर आश्रम में रुका जाता है।

कोविड काल का किया जिक्र

लॉकडाउन के बारे में उन्होंने बताया है कि जिस समय भयनकर महामारी कोविड चल रही थी उस समय वह भूटान की सिमा के पास फंस गए थे। उनकी इस समय की यात्रा काफी कठिनाइयों भरी रही थी। कृष्ण कुमार बताते हैं कि कोविड के समय वह अपनी मां के साथ 52 दिनों तक भूटान में ही फंसे थे। इस दौरान उन्हें मैसूर की यात्रा करने के लिए एक दिन में अपने स्कूटर को 427 किलोमीटर चलाना पड़ा था।

इसे भी पढ़ेंः Karnataka Election 2023: BJP टिकट बंटवारे पर नहीं हो सका फैसला, संसदीय बोर्ड की बैठक आज

Exit mobile version