Karpoori Thakur: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व जननायक के नाम से मशहूर कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ (Bharat Ratna) से सम्मानित किया जाएगा। भारत सरकार की ओर से ये अहम निर्णय 23 जनवरी को लिया गया है। सरकार के इस निर्णय को लेकर खूब चर्चा है और कहा जा रहा है कि 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती से पहले सरकार का ये निर्णय सराहनीय है।
कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) को भारत रत्न से सम्मानित करने के ऐलान के बाद पीएम मोदी (PM Modi), सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish), RJD नेता तेजस्वी यादव समेत अन्य कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया है कि कर्पूरी ठाकुर की जन्म-शताब्दी के अवसर पर यह निर्णय देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है। वहीं नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव समेत अन्य नेताओं ने भी भारत सरकार के इस निर्णय पर खुशी जाहिर की है।
Karpoori Thakur को मिलेगा Bharat Ratna
भारत सरकार की ओर से जननायक कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) की जन्म शताब्दी से पूर्व बड़ा निर्णय लिया गया है। बीते शाम केन्द्र सरकार की ओर से ऐलान किया गया कि कर्पूरी ठाकुर को भारत के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान ‘भारत रत्न’ (Bharat Ratna) से नवाजा जाएगा।
केन्द्र सरकार के इस ऐलान के बाद पीएम मोदी (PM Modi) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ये निर्णय देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है। इसके साथ ही उन्होंने कर्पूरी ठाकुर द्वारा पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लिए अटूट प्रतिबद्धता और दूरदर्शी नेतृत्व का जिक्र भी किया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish) ने भी कर्पूरी ठाकुर को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजे जाने पर अपनी प्रसन्नता जाहिर की है। उन्होंने भारत सरकार के इस निर्णय के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी को भी धन्यवाद कहा है।
इसके अलावा बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, RJD प्रमुख लालू यादव, सांसद मनोज झा समेत JDU व BJP के तमाम नेताओं ने कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ से नवाजे जाने वाले फैसले को सराहनीय बताया है।
कौन थे Karpoori Thakur?
कर्पूरी ठाकुर का जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले के पितौझिया गांव में एक नाई परिवार में हुआ था। उन्होंने पटना से मैट्रिक परीक्षा पास की और स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय हो गए। कर्पूरी ठाकुर लगातार संघर्ष पथ पर चलते रहे और गांव-गरीब, पिछड़ो व दलितों के आवाज को बल देते रहे। अंतत: 22 दिसंबर 1970 को वो पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भूमि सुधार योजना और शिक्षा सुधार योजनाओं को लागू किया।
कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) के कार्यकाल में ही पिछड़े वर्ग के लिए 12 फीसदी आरक्षण लागू किया गया था। अपने इन्हीं नीतियों की बदौलत वो फिर 1977 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। उनके फैसलों के लिए उन्हें जननायक और भ्रष्टाचार विरोधी नेता की उपाधि दी जाती है।
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (Bharat Ratna) देने के ऐलान के साथ ही बिहार समेत देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों के बीच खुशी का माहौल है।
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