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Kisan Diwas 2024: जमींदारी उन्मूलन, चकबंदी अधिनियम! आखिर क्यों किसानों के नेता कहे जाते हैं Chaudhary Charan Singh?

Kisan Diwas 2024: किसानों के लिए चकबंदी अधिनियम पारित कराने, ब्रितानिया हुकूमत के कानूनों को खत्म करने, पटवारी राज से मुक्ति दिलाने वाले नेता पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह की आज जन्म जयंती है। इस खास दिन को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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Kisan Diwas 2024
सांकेतिक तस्वीर

Kisan Diwas 2024: जमींदारी उन्मूलन, चकबंदी अधिनियम पारित कराना, कृषि उपज को आयकर दायरे से बाहर रखना। ये सभी निर्णय पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह ने लिए थे। इसके अतिरिक्त भी चौधरी चरण सिंह ने किसानों के लिए कई मिसाल कायम किए जिसके कारण उन्हें किसानों का नेता कहा जाता है। आज किसान नेता श्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) की जयंती है। इस खास दिन को किसान दिवस (Kisan Diwas 2024) के रूप में मनाया जाता है। किसान दिवस (National Farmers Day) यूपी के साथ उत्तर व दक्षिण समेत भारत के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले किसानों के लिए बेहद खास है। ऐसे में आइए हम आपको आज किसान दिवस के बारे में विस्तार से बताने की कोशिश करते हैं।

Kisan Diwas 2024 आखिर क्यों किसानों के नेता कहे जाते हैं पूर्व PM Chaudhary Charan Singh?

किसानों के लिए तन, मन, धन से हर वक्त समर्पित रहने वाले पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) को आज भी किसान नेता के नाम से जाना जाता है। यही वजह है कि उनकी जन्म जयंती (23 दिसंबर) को किसान दिवस (Kisan Diwas 2024) के रूप में मनाते हैं। चौधरी चरण सिंह ने किसानों के लिए अपनी पूरी ऊर्जा झोंक दी थी। अपने राजनीतिक जीवन में चौधरी चरण सिंह हर वक्त किसानों की आवाज बनकर गूंजते रहे। उन्होंने मिसाल कायम करते हुए किसानों के लिए खूब काम किए। चाहें कर्ज माफी बिल पास कराने की बात हो या जमींदारी उन्मूलन की, चौधरी चरण सिंह ने दमखम लगा दिया। उन्होंने कृषि को आयकर के दायरे से बाहर रखने, ब्रितानिया हुकूमत के कानूनों को खत्म करने, पटवारी राज से मुक्ति दिलाने, चकबंदी अधिनियम पारित कराने, कृषि उपज की खेप के निर्यात आदि जैसे काम कर खुद को स्थापित कर लिया।

ब्रिटिश काल कानून खत्म कराने में पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह की भूमिका!

पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) ने किसानों को अंग्रेजों द्वारा बनाए काले कानून से मुक्ति दिलाई। उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के कानून को खत्म कर किसानों को जोत-बही दिलाने का काम किया जिसकी मान्यता आज भी पूरे देश में है। इसके अलावा किसानों के हित का ध्यान रखते हुए चौधरी चरण सिंह ने फसल उपज बढ़ाने की योजना पर काम किया। मिट्टी परीक्षण कराया गया, कृषि उपज के अंतरराज्यीय आवाजाही पर लगी रोक हटी। ये सभी कार्य किसान नेता पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व में हुआ। यही वजह है कि उनकी जयंती को किसान दिवस (National Farmers Day) के रूप में मनाते हैं।

पूर्व पीएम Chaudhary Charan Singh का राजनीतिक करियर

23 दिसंबर, 1902 को नूरपुर के एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में जन्मे चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) ने राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ी। 1929 में जिला पंचायत सदस्य के रूप में अपने राजनीतिक करियर के शुरुआत करने वाले चौधरी चरण सिंह ने छपरौली विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हुए पहले मंत्री और फिर 1967 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। चौधरी साहब का राजनीतिक वजूद लगातार मजबूत होता रहा और अंतत: 28 जुलाई 1979 को प्रधानमंत्री के पद व गोपनियता की शपथ ली। 29 मई 1987 को उनका निधन हुआ जिसके बाद उनकी राजनीतिक विरासत उनके बेटे अजित सिंह और वर्तमान में पोते जयंती चौधरी द्वारा संभाली जा रही है। बता दें कि इसी वर्ष मोदी सरकार ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से नवाजा, जिसके बाद समूचे देश के किसानों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।

Kisan Diwas 2024 पर PM Modi, CM Yogi, Jayant Singh समेत कई दिग्गजों ने किसान नेता को दी श्रद्धांजलि

किसान दिवस (Kisan Diwas 2024) के अवसर पर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई दिग्गजों ने चौधरी चरण सिंह को नमन किया है। उनके पोते व केन्द्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ किसान घाट पर पहुंचकर किसान नेता को श्रद्धांजलि अर्पित किया है।

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