Land For Job Scam: बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर आज अचानक केंद्रीय जांच ऐजेंसी सीबीआई ने छापा मारा है। बताया गया है कि जांच ऐजेंसी की ये कार्रवाई IRCTC घोटाले के तहत रेलवे में नौकरी के बदले रिश्वत में जमीन लेने के मामले में की गई है। इसी मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव,राबड़ी देवी उनकी बेटी मीसा भारती सहित 14 आरोपियों को 15 मार्च को पेश होने के लिए एक समन भी भेजा था। अब सभी आरोपियों से पूछताछ के बाद आरोप तय करने की प्रक्रिया होगी।
जानें क्या है पूरा मामला
ज्ञात हो कि IRCTC का ये लैंड फॉर जॉब स्कैम घोटाला लालू यादव के परिवार के लिए काफी चर्चित रहा है। ये केस करीब 14 साल पुराना केस है। जब लालू प्रसाद 2004-2009 तक यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। उसी समय रेलमंत्री रहने के दौरान उन्होंने रेलवे में नौकरी देने के बदले रिश्वत में लोगों की कीमती जमीनों को अपने और अपने परिवार के लोगों के नाम करा लिया था। इसी घोटाले में लालू यादव के बेहद करीबी हृदयानंद चौधरी और पूर्व विधायक भोला यादव भी अभियुक्त हैं। भोला यादव इस सारे घोटाले के दौरान रेलमंत्री के ओएसडी रहे थे। मामला खुलने पर सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया था। केस दर्ज करने के बाद जांच ऐजेंसी ने सबसे पहले भोला यादव को गिरफ्तार कर लिया था।
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सीबीआई का था ये पक्ष
सीबीआई की पूछताछ के मुताबिक इस साजिश के तहत लोगों को पहले रेलवे की ग्रुप डी के पदों पर बतौर सब्सिटीट्यूट भर्ती किया गया। उसके बाद उसके परिवार से इस बात का सौदा किया गया कि पहले अपनी जमीन का वैनामा करोगे तभी उनकी नौकरी को रेलवे में रेगुलर किया जाएगा। सीबीआई के मुताबिक लालू यादव परिवार ने पटना के कई इलाकों में करीब 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है और इन्हें बेहद कम दामों में लिखवा लिया था, जबकि लालू यादव का कहना है कि उन्होंने इन जमीनों को नकद राशि देकर खरीदा था।
क्या पाया गया जांच में
जिस समय सीबीआई ने इस लैंड फॉर जॉब स्कैम की जांच शुरु की थी। तब सबसे बड़ा झोल ये पाया गया कि सब्स्टीट्यूट के तौर पर की गई इन नियुक्तियों के लिए रेलवे ने कोई भी न तो पब्लिक नोटिस जारी किया और न ही कोई भर्ती विज्ञापन। दूसरा जिन लोगों ने अपनी जमीन लिख दी थी उनको सुनियोजित तरीके से हाजीपुर सहित मुंबई,जयपुर,कोलकाता तथा जबलपुर में जॉइनिंग दी गई थी। वहीं दूसरी ओर ईडी ने जांच में पाया कि आवेदनों को अप्रूव करने में इतनी जल्दबाजी दिखाई गई कि उनके पतों तक को बिना अप्रुवल दिए नियुक्ति दे दी गई।
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