Tuesday, November 5, 2024
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Lok Sabha Election 2024: मोदी सरकार के 10 बड़े फैसले जिनका मतदाताओं पर स्थायी प्रभाव पड़ने की संभावना, जाने पूरी डिटेल

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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनावो की तारीखों का ऐलान होते है सियासी पारा चढ़ गया है। बीजेपी जहां मोदी की गारंटी से इस बार Lok Sabha Election 2024 की नैया पार करना चाह रही है वहीं कांग्रेस न्याय गारंटी को लेकर चुनाव मैदान में है। मोदी ने अबकी बार 400 पार का नारा दिया है। बता दें कि इंडिया गठबंधन मोदी सरकार के 10 वर्षो के कार्यकाल पर सवाल उठाकर घेरने की कोशिश कर रही है। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों को ऐलान कर दिया है। इस बार 7 चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को और आखिरी फेज का मतदान 1 जून को होगा।

वहीं चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे। बता दें कि इस लोकसभा चुनाव में राम मंदिर, सीएए, आर्टिकल – 370 के अलाव अन्य मुद्दों को लेकर बीजेपी इस बार चुनावी मैदान में उतरेगी। कई राजनीतिक पंडितों को मानना है कि बीजेपी ने 370 सीटें जीतने का लक्ष्य राम मंदिर को देखते हुए ही तय किया है। आईए इस लेख के माध्यम से आपको बताते है वह 10 बड़े फैसले जिसे लेकर भाजपा इस बार चुनावी मैदान में उतर सकती है।

राम मंदिर

बता दें इसी साल 22 जनवरी को भव्य रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई। राम मंदिर को लेकर पूरे देश में एक अलग ही उत्साह है। भाजपा नेताओं ने सदियों पुराने सपने को साकार करने का श्रेय पीएम मोदी को दिया है। वहीं इस लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा राम मंदिर का ही माना जा रहा है। इसका प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा सकता है। यहां तक कि विपक्ष भी मानता है कि इससे बीजेपी को उत्तर भारत में फायदा हुआ है। कई राजनीतिक पंडितों का मानना है कि भाजपा को कम से कम 370 सीटें मिलने का ज्यादातर भरोसा इसी राम मंदिर लहर से पैदा हुआ है।

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)

नागरिकता संशोधन कानून लंबे समय से किए गए वादों में शामिल रहे है। लोकसभा चुनाव से महज कुछ दिन पहले ही सीएए कानून को केंद्र सरकार ने लागू कर दिया है। इसकी नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है। हालांकि विपक्ष की तरफ से मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध किया जा रहा है। बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह साफ कह दिया है कि वह बंगाल में सीएए को लागू नही होंन देंगी। वहीं कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुद्दे से बीजेपी को लोकसभा चुनाव में फायदा मिल सकता है।

जीडीपी में वृद्धि

भारत के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी किए गए ताजा आर्थिक आंकड़ों से पता चला है कि अक्टूबर-दिसंबर 2023 की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.4 फीसद की वृद्धि हुई। पिछले साल इस दौरान यह बढ़ोतरी 4.3 प्रतिशत थी। गौरतलब है कि यह मोदी सरकार की मजबूत नीतियों का असर है। बता दें कि पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इसकी जानकारी दी थी। लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी इस मुद्दे के भूना सकती है। और माना जा रहा है कि कई हद तक यह मोदी सरकार के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

दुनिया में भारत की धमक

आज दुनिया भारत को एक विश्व गुरू के रूप में देख रही है। पूरी दुनिया को पता चल गया है कि कैसे भारत की नीतियों ने विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को और अधिक बढ़ा दिया है। मोदी की ऊर्जावान और चतुर कूटनीति का ही असर है कि पश्चिमी विरोध को नजरअंदाज करके रूसी कच्चा तेल खरीदना, एक अच्छा उदाहरण है। इसके अलावा भारत की दुनिया में बढ़ती लोकप्रियता से देशवासियों को एक अलग उम्मीद जगी है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि रूस- यूक्रेन युद्ध में भारत सरकार ने जिस हिसाब से अपना पक्ष रखा है,वह भारत को बाकी देशों से अलग बनाता है।

आर्टिकल – 370

5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 विधेयक को गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में पेश किया था और इसे उसी दिन पारित कर दिया गया था। फिर इसे 6 अगस्त 2019 को लोकसभा की ओर से पारित कर दिया गया था और 9 अगस्त 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी, जिससे जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा हट गया था। राष्ट्रपति के आदेश के परिणामस्वरूप अनुच्छेद 370 की क्लॉज 1 को छोड़कर सभी प्रावधान समाप्त हो गए। क्लॉज 1 में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर राज्य में भारत का संविधान चलेगा। आर्टिकल- 370 शुरू से ही बीजेपी के चुनावी मुद्दे में शामिल रहा है।

यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी)

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए यूसीसी एक बड़ा मुद्दा माना जा रह है, बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड में देश में सभी धर्मों, समुदायों के लिए एक सामान, एक बराबर कानून बनाने की वकालत की गई है। आसान भाषा में बताया जाए तो इस कानून का मतलब है कि देश में सभी धर्मों, समुदाओं के लिए कानून एक समान होगा। मजहब और धर्म के आधार पर मौजूदा अलग-अलग कानून एक तरह से निष्प्रभावी हो जाएंगे। उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

विकसित भारत विजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश का लक्ष्य विकसित राष्ट्र बनना है। उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार 2047 तक लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। विकसित भारत का दृष्टिकोण भाजपा के अभियान पर हावी होने की संभावना है, जबकि विपक्ष इसे एक और जुमला करार दे रहा है। हालांकि, अभियान के दौरान यह एक प्रमुख विषय बना रहेगा।

तीन तलाक

दरअसल, मुस्लिम महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार और लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर भाजपा ने तीन तलाक को गैरकानूनी घोषित कर दिया। साल 2019 में केंद्र सरकार ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) कानून बना कर अपना यह वादा भी पूरा कर दिया। इतना ही नहीं, ऐसे मामले सामने आने के बाद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान है। तीन तलाक देने वाले पति को अधिकतम तीन साल तक की सजा और जुर्माने का कानून में प्रावधान है। बता दें कि तीन तलाक बीजेपी के चुनावी वादे में से एक था जिसे बीजेपी ने पूरा किया है।

डिजिटल इंडिया

डिजिटल इंडिया भारत सरकार की एक पहल है जिसके तहत सरकारी विभागों को देश की जनता से जोड़ना है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिना कागज के इस्तेमाल के सरकारी सेवाएँ इलेक्ट्रॉनिक रूप से जनता तक पहुँच सकें। बता दें कि भारत डिजिटल इंडिया बनने के अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी डिजिटल इंडिया का मुद्दा उठा सकती है।

एनआरसी

एनआरसी का फुल फॉर्म राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर है। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन बिल एक रजिस्टर है, जिसमें भारत में रह रहे सभी वैध नागरिकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा। एनआरसी की शुरुआत 2013 में सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में असम में हुई थी। वर्तमान में एनआरसी असम के अलावा अन्य किसी भी राज्य में लागू नहीं है। हालांकि सरकार यह पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि एनआरसी को पूरे भारत में लागू किया जाएगा। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी एनआरसी का मुद्दा उठा सकती है।

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