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Lok Sabha Election 2024: क्या ‘इंडिया’ गुट ताकतवर मोदी से मुकाबला करने के लिए है तैयार? आइए जानते हैं

Lok Sabha Election 2024: क्या 'इंडिया' गठबंधन आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर दे पाएगा। आइए जानते हैं कि क्या है इसकी डिटेल

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Lok Sabha Election 2024
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Lok Sabha Election 2024: देश में 18वीं लोकसभा का चुनाव इस साल अप्रैल-मई हो सकते हैं। ऐसे में आम चुनावों में अब सिर्फ चार महीने का समय बचा है। यही वजह है कि केंद्र की सत्ता में बैठी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी ओर से चुनावी बिगुल फूंक दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं।

क्या ‘इंडिया’ गठबंधन कर पाएगा मोदी से मुकाबला

वहीं, दूसरी तरफ, विपक्ष भी आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी ताकत के साथ सियासी मैदान में कूद चुका है। विपक्ष दलों ने एक गठबंधन तैयार किया है, जिसका नाम ‘इंडिया’ (INDIA) रखा है। आपको बता दें कि इस गठबंधन में कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, लेफ्ट और आम आदमी पार्टी सहित कई दल शामिल हैं। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि क्या विपक्षी दलों का ‘इंडिया’ गठबंधन पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा से मुकाबला कर पाएगा।

गठबंधन में कांग्रेस की हालत कमजोर

आपको जानकारी के लिए बता दें कि लोकसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के लिए सिर्फ 2 महीने का वक्त रह गया है। ऐसे में इंडिया गठबंधन में अभी सीट बंटवारे को लेकर फैसला होना बाकी है, कई दलों के बीच सीट मुद्दे को लेकर चर्चा जारी है। सीट बंटवारे को लेकर सबसे ज्यादा परेशानी कांग्रेस के सामने बन रही है।

सीट बंटवारे को लेकर फंसा है मामला

दरअसल जिन राज्यों में क्षेत्रीय दल मजबूत स्थिति में हैं, वहां पर वो कांग्रेस को अधिक सीटें नहीं देना चाहते हैं। बीते 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों ने कांग्रेस की स्थिति को और खराब कर दिया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, बिहार झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर शामिल है। ये वो राज्य हैं, जहां पर कांग्रेस को कम सीटे मिल सकती है। गठबंधन में कांग्रेस की स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है, अगर क्षेत्रीय दलों के प्रस्ताव को दरकिनार कर अकेले दम पर चुनावी मैदान में उतरी तो मुश्किलें और बढ़ सकती है।

कांग्रेस पर हावी हो रहे हैं क्षेत्रीय दल

आज ये स्थिति उस पार्टी की हो गई है, जो साल 1984 में लोकसभा चुनाव में 404 सीटें जीतकर एक रिकॉर्ड बनाया था। कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस नेताओं की दिल्ली में बैठक हुई, जिसमें 255 सीटों पर फोकस देने की बात कही गई है। ऐसे में कांग्रेस की हालत गठबंधन में पतली नजर आ रही है और क्षेत्रीय दल कांग्रेस पर हावी होते दिख रहे हैं।

क्या कांग्रेस करेगी समझौता?

आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब में सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का दावा कर चुकी है। ऐसे में कांग्रेस और आप के बीच किस तरह से बात बनेगी, ये देखना होगा। वहीं, उत्तर प्रदेश में अगर सपा के साथ कांग्रेस का समझौता होता है तो सपा अधिक सीटें मांग सकती है। वहीं, बिहार में जेडीयू कांग्रेस पर पूरी तरह से हावी होने के लिए तैयार है।

कांग्रेस के लिए यहां की स्थिति बेहतर

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी कांग्रेस को ज्यादा सीटे देने के मूड में बिल्कुल नही है। वहीं, तमिलनाडु में भी डीएमके कांग्रेस को अधिक भाव नहीं दे रही है। इन सबसे इतर, कांग्रेस हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और कर्नाटक में अकेले दम पर चुनावी मैदान में उतर सकती है।

चुनावी तैयारियों में मजबूती से जुटी हुई है भाजपा

उधर, भाजपा लोकसभा चुनावों की तैयारियों में बड़े जोर-शोर से लगी हुई है। भाजपा सभी प्रदेश अध्यक्षों को 30 जनवरी से पहले हर लोकसभा क्षेत्र में पार्टी दफ्तर खोलने का निर्देश दे चुकी है। ऐसा करके पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। पार्टी हर लोकसभा क्षेत्र में अपनी मजबूत दावेदारी पेश करना चाहती है। बताया जा रहा है कि इन कार्योलयों को चुनाव को लेकर सभी तरह की गतिविधियों का केंद्र बनाया जा रहा है। ताकि संगठन और कार्यकर्ताओं को एकसाथ लाकर पूरी ताकत के साथ जनता के बीच जाया जा सकें।

‘गांव चलो अभियान’ भाजपा के लिए बनेगा वरदान

इसके साथ ही जनवरी-फरवरी में ‘गांव चलो अभियान’ के जरिए 7 लाख गांवों से कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाएगा। वहीं, 24 जनवरी राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर 5000 जगहों पर कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा युवा मोर्चा की बैठग होगी। इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कलस्टरों में प्रवास करेंगे। जी हां, बताया जा रहा है कि हर 3-4 लोकसभा क्षेत्रों में एक कलस्टर बनाया जाएगा। यहां पर कई आयोजन और सम्मेलन होंगे।

क्या पीएम चेहरे पर बनेगी बात

भाजपा लोकसभा चुनाव के लिए पहले ही साफ कर चुकी है कि उनकी पार्टी के पीएम फेस नरेंद्र मोदी ही होंगे। मगर अब सवाल ये है कि विपक्ष की तरफ से पीएम का चेहरा कौन होगा। आपको बता दें कि इंडिया गठबंधन में अभी तक पीएम चेहरे का ऐलान नहीं हुआ है। मगर गठबंधन में मौजूद अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम बतौर पीएम फेस के लिए आगे किया था।

क्या नीतीश पर सहमत होगा गठबंधन

हालांकि, अभी तक इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई है और मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अपना नाम इस रेस से बाहर रखा है। उधर, गठबंधन में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के मदन सहनी और रत्नेश सदा समेत कई नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘इंडिया’ गठबंधन का पीएम चेहरा बनाना चाहते हैं। मगर, राजनीतिक गलियारों में ऐसी खबरें चल रही हैं कि नीतीश कुमार को गठबंधन का राष्ट्रीय संयोजक बनाया जा सकता है। मगर पीएम चेहरा घोषित करना थोड़ा मुश्किल लग रहा है।

ये हो सकती है गठबंधन की रणनीति

ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि लोकसभा चुनाव की तारीख से पहले क्या ‘इंडिया’ गठबंधन किसी चेहरे को पीएम उम्मीदवार के तौर पर आगे करेगा, या फिर बिना किसी पीएम फेस के चुनावी मैदान में उतरेगा। ये भी दावा किया जा रहा है कि गठबंधन चुनावी नतीजों के बाद पीएम चेहरे पर चर्चा कर सकता है।

ऐसे में फिलहाल ‘इंडिया’ गठबंधन में सीट बंटवारे और पीएम फेस को लेकर रस्साकशी बनी हुई है। वहीं, भाजपा अपनी ताकत के साथ चुनावी तैयारियों में जुट गई है।

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