MP Election 2023: जैसे जैसे एमपी विधानसभा चुनाव 2023 नजदीक आ रहे हैं वैसे ही प्रदेश के राजनीतिक दलों ने विभिन्न वर्गों को साधने की कोशिशें तेज कर दी है। इसी सिलसिले में अब एम पी भाजपा ने अब एक ऐसी ही कवायद शुरु की है। उसने आज अपने प्रदेश भाजपा कार्यालय पर ओबीसी वर्ग को साधने के लिए ओबीसी मोर्चे की बैठक बुलाई। इस बैठक में पार्टी ने ओबीसी विधायक सांसद और कई पदाधिकारी मौजूद रहे। इस बैठक में सीएम शिवराज सहित पार्टी के कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे।
आखिर क्यों पड़ी ओबीसी मोर्चे के बैठक की जरूरत
बता दें पिछले कुछ सालों से भाजपा के वोटों के पैटर्न को देखें तो पता चलता है कि एमपी के ओबीसी वर्ग बीजेपी की तरफ जुड़ा है। जिसकी बडी वजह बाबूलाल गौर तथा उमा भारती को सीएम बनाना रहा है। दूसरा एमपी की जनसंख्या में सबसे बड़ा वर्ग ओबीसी ही हैं। जो 49 फीसदी के करीब है। ओबीसी मे भी कुशवाह और कुर्मी जाति का बड़ा राजनीतिक वर्चस्व है। इसके साथ विधानसभा में कुल 60 विधायक ओबीसी वर्ग से हैं।
ये जिले हैं ओबीसी बहुल
एमपी विधानसभा में वर्तमान 60 ओबीसी विधायकों में सबसे अधिक भाजपा में 40 Kई संख्या है उसके बाद कांग्रेस के 19 विधायक ओबीसी है। भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो एमपी के विंध्याचल में 13 जिलों सिंगरौली रीवा,सतना, पन्ना, निवाड़ी,,टीकमगढ़, छतरपुर, सागर,अशोक नगर,शिवपुरी, दतिया, भिंड, दतिया तथा मुरैना हैं तो चंबल तथा बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र राज्य के सबसे अधिक ओबीसी बहुल इलाके हैं।
ये लोग थे बैठक में
बता दें एमपी भाजपा द्वारा आयोजित बैठक में सीएम शिवराज सहित राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा तथा प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव शामिल थे। इस बैठक के बाद सीएम शिवराज ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ लंबी चर्चा की।
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