MP Election 2023: मध्य प्रदेश चुनाव में भाजपा ने इस बार अपनी रणनीति में एक बड़ा बदलाव किया है। इस बार BJP ने राज्य में अपनी साख बचाने के लिए बड़ा दांव खेला है। बीजेपी ने अपने इस दांव के तहत तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात लोकसभा सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा है, लेकिन भाजपा की इस चाल के बाद राजनीतिक गलियारों में यह सवाल घूम रहा है कि क्या ये बड़े नेता चुनाव में अपना कमाल दिखा पाएंगे? क्या BJP फिर से अपना परचम लहरा पाएगी? या फिर कांग्रेस चुनाव में बाजी मार जाएगी। अब तक के ओपिनियन पोल्स भी चुनाव में कांटे की टक्कर का इशारा कर रहे हैं।
क्या सफल होगा BJP का दांव?
कुछ राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी का यह कदम जनता को तो लुभा सकती है, लेकिन जमीनी हकीकत पर यह कुछ खास काम नहीं कर पाएगी। इन नामों के साथ सत्ताधारी पार्टी सिर्फ राज्य के कुछ ही क्षेत्रों में लाभ कमा सकती है।
विश्लेषकों की मानें तो भाजपा ने तीन केंद्रीय मंत्रियों – नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते सहित सात सांसदों को मैदान में उतारकर चुनावी गलियारे में सभी को चौंका दिया। वहीं, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी संभावित सीएम उम्मीदवार हैं, जो इंदौर-1 में कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला के खिलाफ मैदान में हैं।
कांटे की होने वाली है टक्कर
विश्लेषकों का कहना है कि 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव में तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ चार लोकसभा सांसदों को मैदान में उतारना कागज पर भले ही भव्य लगे, लेकिन यह भाजपा की चिंता को भी दर्शाता है। इससे लग रहा है कि भाजपा की जिला इकाइयों ने नरेन्द्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद सिंह पटेल और सांसदों के नामों की सिफारिश टिकटों के लिए नहीं की थी। हालांकि, विश्लेषकों ने ये भी कहा कि एमपी में इस बार कांटे की लड़ाई के आसार हैं।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।