MP Election 2023: एमपी में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होंने हैं। इन चुनावों के मद्देनजर सभी दलों ने अपनी-अपनी रणनीति बनानी शुरु कर दी है। इसी के तहत भाजपा भी प्रदेश में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए सीएम शिवराज पर फिर से दाव लगाने को देख रही है। लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है, कि पार्टी वर्तमान राजनीतिक वातावरण को लेकर सीएम शिवराज से अपने रवैये में बदलाव को कह सकती है। इसके लिए शेष कार्यकाल में इसे बदलने का खुला मौका दे सकती है।
आखिर क्या है शिवराज से उम्मीद
पार्टी में चल रहे मंथन की चर्चाओं के बीच संकेत निकलकर आ रहे हैं। एमपी में भी भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था की स्थिति पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर आजकल जिस तरह यूपी,उत्तराखंड तथा असम के प्रशासनिक अनुभव लोगों को पसंद आ रहे हैं। पार्टी कुछ-कुछ ऐसा ही शिवराज को सीख लेने की उम्मीद लगा रही है। सीएम शिवराज अपनी छवि को भी इस मौके से एक कठोर प्रशासक में बदल सकते हैं। इसके लिए पार्टी ने सीएम शिवराज को बचे कार्यकाल में इस छवि को बदलने की पूरी छूट दे दी है। इसके साथ-साथ पार्टी राज्य सरकार से कुछ आवश्यक मंत्रिमंडल में फेरबदल भी चाहती है। ताकि नई योजनाओं को लागू कर सके।
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जानें किस रणनीति पर है जोर
भाजपा ने विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए राज्य की महिलाओं और आदिवासी समाज की एक बड़ी जनसंख्या के कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया है। महिलाओं के लिए तो ‘लाडली बहना’ योजना भाजपा के लिए बहुत कारगर सिद्ध हो रही है। इसके साथ-साथ भाजपा ने अपन बूथ मैनेजमेंट को और अधिक धारदार बनाने का काम अभी से शुरु कर दिया है। इसके लिए पार्टी ने बूथ लेवल पर लोगों की राय इकट्ठी करने का टास्क बांट दिया है। बूथ समितियों को अपने-अपने क्षेत्र के उन प्रभावशाली लोगों को चिन्हित करने और उनसे संपर्क साधने को कहा गया है। पार्टी अपने 65 हजार बूथों में से 62 हजार बूथों का डिजिटल वैरिफिकेशन करा चुकी है। इन बूथों के अंतर्गत आने वाले हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं को कड़े दिशा निर्देश भी दिए गए हैं कि वे सरकार की योजनाओं को हर हाल में लोगों की मदद करने में लागू करवाएं।
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