MP Election 2023: एमपी विधानसभा चुनाव 2023 के लिए अब कुछ ही माह रह गए हैं। इसको देखते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पूर्व सीएम और दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को राज्य में एक बड़ी चुनावी जिम्मेदारी सोंप दी है। वह अब पार्टी के अंदर चल रही अंदरूनी कलह के कारण नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच मनमुटावों को पहचानकर दूर करेंगे। इसी के मद्देनजर पार्टी ने अपनी तैयारियों की रफ्तार बढ़ा दी है। कांग्रेस की सबसे बड़ी चुनौती अपने कार्यकर्ताओं और संगठन को एकजुट रखना है। इससे पहले 2018 में भी कांग्रेस की जीत में पूर्व सीएम की बड़ी भूमिका थी। इस बार भी बह लगातार जिलों और विधानसभाओं का दौरा करके कांग्रेस में संवाद स्थापित करने के काम में लगे हैं।
जानें क्या है कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और संगठन को मजबूती देने के लिए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने अगले 5 दिनों की रूपरेखा तैयार की है। जिसमें वह बीजेपी के गढ़ बुंदेलखंड के मिशन पर 3 जिलों विदिशा,सागर और दामोह का दौरा करेंगे इनकी 10 विधानसभा सीटों शमशाबाद,कुरवाई,बीना, खुरई,सागर, सुरखी,नरयावली,रहली, हटा और पथरिया विधानसभा में जाकर कांग्रेस के मंडलम सेक्टर अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं के संग अलग-अलग चर्चा करेंगे।
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इन सीटों पर है कांग्रेस की विशेष नजर
एमपी कांग्रेस का ध्यान प्रदेश की उन 66 सीटों पर है, जहां से वह लगातार हार रही है। इसलिए इन सीटों पर दोनों पूर्व सीएम प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ तथा दिग्विजय सिंह यहां के संगठन के साथ बैठकर कमियों को दूर कर संवाद स्थापित करेंगे साथ ही प्रशासन की तरफ से कार्यकर्ताओं में जो पुलिस का भय दिखाया गया है उसे दूर करेंगे। बता दें बुंदेलखंड में 26 सीटों पर कांग्रेस ने 2018 में अधिकांश सीटों पर अच्छी पकड़ दिखाई थी। बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत से बीजेपी के पास सीटों की संख्या 17 हो गई और कांग्रेस के पास 8 सीटें ही रह गईं।
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