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भीषम गर्मी के बीच MP के कई जिलों में सूखे तालाब, मॉनसून को लेकर सामने आया बड़ा अपडेट; यहां चेक करें IMD की रिपोर्ट

MP News: मध्य प्रदेश में भोपाल, इंदौर समेत बुंदेलखंड के दतिया, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना व सागर समेत कई हिस्सों में भीषण गर्मी के बीच तालाब सूखते नजर आ रहे हैं। इसी बीच मॉनसून को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है।

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फाइल फोटो- प्रतीकात्मक

MP News: उत्तर भारत के प्रमुख मैदानी राज्य मध्य प्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी का क्रम जारी है। ताजा जानकारी के अनुसार भीषण गर्मी व तपती धूप के कारण इंदौर, भोपाल समेत बुंदेलखंड के दतिया, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना व सागर जैसे इलाके में तालाब सूखते नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि अब मॉनसून आने के बाद ही लोगों को जल संकट की समस्या से निजात मिल सकेगी और तालाब के साथ पानी के अन्य सोर्स फिर भर सकेंगे।

मौसम विभाग की मानें तो मॉनसून अभी गुजरात के प्रांतिय इलाकों में ठहरा है। दावा किया जा रहा है कि अरब सागर व बंगाल की खाड़ी में मॉनसून की ब्रांच मजबूत होने के बाद ही 19 से 20 जून तक इसकी एंट्री मध्य प्रदेश में होगी। ऐसे में 19-20 जून के बाद मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बारिश देखने को मिल सकती है।

तालाबों में तेजी से सूख रहा पानी

मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्थित जलाशय (तालाब) इन दिनों सूखते नजर आ रहे हैं। इसमें प्रमुख रूप से भोपाल व इंदौर में स्थित लिम्बोदी तालाब, बड़ा बिलावली तालाब, छोटा सिरपुर तालाब, बड़ा सिरपुर तालाब व यशवंत सागर तालाब हैं। जानकारी के मुताबिक इन तालाबों में पानी का स्तर 3 फीट से लेकर 4 फीट तक कम हो गया है। वहीं बुंदेलखंड के दतिया, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना व सागर जैसे जिलों में जलाशयों की स्थिति बहुत बुरी है। यहां तालाब पूरी तरह से सूख पड़े हैं और लोग सिंचाई के साथ पानी की अन्य जरूरतों के लिए बारिश पर निर्भर हैं।

मॉनसून को लेकर क्या है IMD की रिपोर्ट

मध्य प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच अब बारिश ही लोगों को राहत दे सकती है। ऐसे में मॉनसून को लेकर मौसम विभाग (IMD) की ओर से समय-समय पर अपडेट जारी किए जा रहे हैं। वर्तमान समय की बात करें तो आईएमडी की ओर से पूर्वानुमान जताए गए हैं कि 19-20 जून तक मध्य प्रदेश में बालाघाट, डिंडौरी के रास्ते मॉनसून दस्तक दे सकता है। दावा किया जा रहा है कि अगर मॉनसून तय समय पर दस्तक देता है तो लोगों को तपती गर्मी से राहत मिल सकेगी और जलाशयों में पानी भी भर सकेंगे।

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