MP News: मध्य प्रदेश में इस वर्ष के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में इसको लेकर सत्तारुढ़ दल भाजपा से लेकर विपक्षी दल कांग्रेस भी तैयारी में जुट गई है। बता दें कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भाजपा लंबे समय से सत्ता में काबिज है ऐसे में उसकी कोशिश है कि सत्ता के इस क्रम को बरकरार रखा जाए। इस क्रम में भाजपा लगातार अपनी योजनाओं को जनता के समक्ष ला रही है और उन्हें अपने सरकार की उपलब्धि बता रही है।
अब खबर है कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सरकार ने अतिथि विद्वानों और अतिथि व्याख्याताओं के लिए बड़ा एलान किया है। इसके तहत अब अतिथि विद्वानों को घंटे के हिसाब नहीं बल्कि मासिक वेतन उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं वेतन को लेकर ये भी जानकारी सामने आई कि अब इसे कार्यदिवस के स्थान पर 50000 रुपये प्रति महीना तक करने की तैयारी है। इसके साथ ही उन्हे अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
ये है शिवराज सरकार की तैयारी
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार ने इस क्रम में बड़ा एलान किया है। मिली जानकारी के मुताबिक अब सभी शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों को प्रति दिन की बजाय मासिक वेतन दिया जाएगा। इसकी धनराशि 50000 रुपए तक रखी गई है। वहीं इस दौरान ये भी कहा गया कि सरकार अतिथि विद्वानों के लिए शासकीय सेवकों के समान ही सारी व्यवस्थाएं करेगी। इसमें अवकाश से लेकर अन्य सभी प्रकार की सुविधा होगी। इसके अतिरिक्त सरकार की ओर से ये भी वादा किया गया है कि जल्द ही सरकार फालेन आउट अतिथि विद्वानों को रिक्त पदों के लिए आमंत्रित करेगी।
आरक्षित पदों को लेकर है ये तैयारी
मध्य प्रदेश सरकार ने इस दौरान कहा है कि अतिथि विद्वानों के व्याख्याताओं के लिए पीएससी की परीक्षा में संशोधन कर 25 फीसदी पदों को आरक्षित किया जाएगा। वहीं सरकार की ये कोशिश रहेगी कि कोई भी अतिथि विद्वान जो कि अध्यनन की प्रक्रिया में अपना योगदान दे रहा है उसे राज्य से बाहर न जाने दिया जाए। वहीं आईटीआई अतिथि प्रवक्ताओं के लिए भी सरकार ने बड़ा एलान करते हुए उनके मानदेय को 20000 रुपये करने का निर्णय लिया है। इन घोषणाओं से सूबे के अतिथि विद्वानों को राहत जरुर मिलेगी।
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