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MP News: किसानों के राजस्व संबंधी मामलों को झटपट निपटाएगी CM Mohan Yadav की सरकार, जानें महाभियान से कैसे होगा फायदा?

MP News: मध्य प्रदेश में किसानों की सुविधा के लिए सीएम मोहन यादव की सरकार ने विशेष अभियान शुरू किया है जिसके तहत राजस्व संबंधी मामलों का तत्काल निस्तारण किया जा सकेगा।

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फाइल फोटो- CM Mohan Yadav

MP News: मध्य प्रदेश में सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) के नेतृत्व में चल रही सरकार लगातार किसानों के हित को देखते हुए कदम उठाती नजर आ रही है। सूबे के सीएम मोहन यादव ने इसी क्रम में किसानों की सुविधा को देखते हुए एक और बड़ी मुहिम शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश (MP News) में आज से ‘मेगा राजस्व अभियान’ की शुरुआत हो गई है जिसके तहत किसानों के राजस्व संबंधी मामले झटपट सुलझाए जाएंगे।

मध्य प्रदेश सरकार का दावा है कि इस मेगा अभियान से किसानों को लाभ मिल सकेगा और उन्हें अलग-अलग सरकारी दफ्तरों में भागा-दौड़ी नहीं करनी पड़ेगी। ध्यान देने योग्य बात ये है कि ‘मेगा राजस्व अभियान’ आज यानी 18 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा।

राजस्व संबंधी मामलों को झटपट निपटाएगी MP सरकार

मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले किसानों के हित का भरपूर ख्याल रखते हुए सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) की सरकार ने आज से मेगा राजस्व अभियान की शुरुआत कर दी है। इस महा अभियान के जरिए राज्य शासन द्वारा राजस्व प्रकरणों के तुरंत निराकरण और राजस्व अभिलेख त्रुटियों का इंतजाम किया जाएगा। सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश जारी किया गया है कि सभी संभाग के आयुक्त और कलेक्टर अपने क्षेत्रों का निरंतर निरीक्षण करें और किसानों के राजस्व संबंधी मामले सुलझाएं।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से ये भी कहा गया है कि ”मेगा राजस्व अभियान के तहत जिन भी हितग्राहियों को राजस्व रिकॉर्ड में त्रुटियों के कारण किसी भी तरह की दिक्कत आ रही है, उनका नाम रिकॉर्ड में जोड़ा जा रहा है। ऐसे में विभागीय अधिकारी सभी किसानों को योजना से जोड़ कर उन्हें लाभ पहुंचाने में मदद करें।”

कैसे होगा फायदा?

मध्य प्रदेश में आज से शुरू किए गए ‘मेगा राजस्व महाअभियान’ के तहत किसानों के राजस्व संबंधी मामलों का निस्तारण किया जा सकेगा। बता दें कि इस महा अभियान के तहत किसानों को बहुत फायदा होगा और 150 दिनों के अंदर विवादित नामांतरण का निराकरण, 30 दिन में अविवादित नामांकरण प्रकरणों का निराकरण, 90 दिन में बंटवारा प्रकरणों का निराकरण और 45 दिनों में सीमांकन प्रकरणों को निपटारा करना होगा। दावा किया जा रहा है कि इससे किसानों के समय की बचत होगी और वर्षों से लंबित चले आ रहे मामले हल किए जा सकेंगे।

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