MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों सूबे के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास कर रहे हैं। इस क्रम में आज सीएम शिवराज ने ओंकारेश्वर में ओंकार पर्वत पर स्थापित आदिगुरु शंकराचार्य के प्रतिमा का अनावरण भी किया। इस दौरान सीएम ने विधी-विधान व मंत्रोच्चारण के साथ प्रतिमा की पूजा-पाठ की फिर बाद में इसका परिक्रमा भी किया।
बता दें कि इस अनावरण कार्यक्रम के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों से साधू-संत इसमें शामिल हुए थे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने आधिकारिक ‘X’ हैंडल से इस अनावरण कार्यक्रम की पल-पल की जानकारी लोगों से साझा की। इस दौरान सीएम ने ये भी कहा कि इस प्रतिमा के अनावरण के साथ ही मध्य प्रदेश संपूर्ण विश्व को एकात्मता का संदेश दे रहा है।
2026 तक निर्माण कार्य के पूरे होने का दावा
सीएम शिवराज ने आदिगुरु शंकराचार्य के प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा कि इसे 2026 तक बनाकर पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि इसकी ऊंचाई 108 फीट है जिसे 75 फीट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर रखे जाने की खबर है। वहीं इसके वजन को लेकर दावा किया जा रहा है कि ये 100 टन वजन के साथ आएगा और धातु के नाम पर इसमें कॉपर, जिंक और टिन को मिलाकर बनाया जाएगा। आदिगुरु शंकराचार्य के इस प्रतिमा को लेकर कहा गया है कि ये एकात्मकता का प्रतीक है और इसलिए इसे ‘स्टैच्यू ऑफ वननेस’ का नाम दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक ‘X’ हैंडल से दी जानकारी
बता दें कि मुख्यमंत्री ने आदिगुरु शंकराचार्य के इस प्रतिमा अनावरण को लेकर पल-पल की जानकारी अपने आधिकारिक ‘X’ हैंडल से जारी की है। इसके तहत उन्होंने एक पोस्ट में लिखा कि “श्री शंकर भगवत्पाद सनातन वैदिक संस्कृति के सर्वोच्च प्रतिमान हैं। धर्म-संस्कृति के रक्षणार्थ उन्होंने जो श्रेष्ठ कार्य संपादित किए,वह अद्वितीय हैं।” इसके अलावा भी शिवराज सिंह चौहान ने इस कार्यक्रम के दौरान पूजन-पाठ से लेकर अन्य सभी जानकारियां अपने एक्स हैंडल से शेयर किया। सीएम शिवराज ने ये भी लिखा कि “संपूर्ण विश्व को “एकात्मता” का संदेश दे रहा मध्यप्रदेश”।
आदिगुरु शंकराचार्य का परिचय
बता दें कि आदिगुरु शंकराचार्य का जन्म केरल के कालड़ी गांव में हुआ था। इनके माता का नाम आर्याम्बा और पिता का नाम शिवगुरु है। शंकराचार्य ने ही देश के चार कोनों में चार प्रसिद्ध मठों की स्थापना की थी। इसमें द्वारिका शारदा पीठ, पुरी गोवर्धन पीठ, ज्योतिष्पीठ बदरिकाश्रम और श्रृंगेरी पीठ जैसे मठ हैं। इन मठों को आज भी बेहद पवित्र माना जाता है और लोग बेहद अलग भाव से इनका दर्शन पूजन करने जाते हैं। कहा जाता है कि शंकराचार्य ने भारत के चारों हिस्सों को जोड़ने के लिए ही इन चार मठों की स्थापना देश के अलग-अलग कोनों में की थी।
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