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MP News: केन्द्र सरकार के इस खास परियोजना से मिटेगी बुंदेलखंड की प्यास, हर घर पहुंचेगा जल; जानें डिटेल

MP News: मध्य प्रदेश में केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना के तहत बुंदेलखंड क्षेत्र के हर घर तक जल पहुंचाने का लक्ष्य है।

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फाइल फोटो- प्रतीकात्मक

MP News: मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके का जिक्र होते ही सबसे पहले यहां के सूखा प्रभावित क्षेत्र या जल संकट को लेकर चर्चा छिड़ जाती है। बता दें कि MP के बुंदेलखंड में पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, विदिशा, सागर, शिवपुरी, दतिया और रायसेन जैसे जिले आज भी जल संकट की समस्या से जूझते हैं और यहां गर्मी के मौसम में सूखे की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

मध्य प्रदेश सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार अब बुंदेलखंड की प्यास मिटने वाली है और इस इलाके के हर घर तक जल पहुंचने वाला है। दरअसल केन्द्र सरकार ने नदी जोड़ों अभियान के तहत “केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना” के लिए 45 हजार करोड़ की धनराशि जारी कर दी है। दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में अब जल्द ही केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना पर काम शुरू कर यमुना की दो सहायक नदियां केन व बेतवा को जोड़ा जाएगा जिससे कि जल संकट व सूखे की समस्या से निजात मिल सके।

बुंदेलखंड की प्यास मिटाने की तैयारी

मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में ग्रीष्म ऋतु आते-आते जल संकट होने लगता है। दरअसल बुंदेलखंड के इलाकों में भूमि के अन्दर ग्रेनाइट पत्थर की चट्टानें चादर की तरह पड़ी हुई हैं जिनमें भूगर्भीय जलस्रोत होते ही नहीं हैं। इसी कारण से लोग यहां पानी के लिए प्यासे नजर आते हैं। हालाकि केन्द्र सरकार के “केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना” के तहत अब बुंदेलखंड में केन व बेतवा नदी को जोड़ा जाएगा जिससे की बुंदेलखंड की प्यास मिट सके।

मध्य प्रदेश शासन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस मिशन के लिए सरकार ने 12000 करोड़ व 5000 करोड़ रुपये की लागत वाले दो टेंडर जारी कर दिए हैं। दावा किया जा रहा है कि टेंडर जारी होने के बाद इस मिशन को रफ्तार मिल सकेगी और बुंदेलखंड के लोगों को जल्द ही सिंचाई से लेकर पीने व अन्य उपयोग के लिए स्वच्छ जल मिल सकेगा।

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी नींव

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के नेतृत्व में सरकार चला चुके पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने इस परियोजना की नींव रखी थी। उस वक्त की केन्द्र सरकार ने 35 से ज्यादा नदियों को आपस में जोड़ने का फैसला लिया था जिसमें 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होना था। इसके बाद धीरे-धीरे नदियों को जोड़ने के लिए फंड जारी किया जाता रहा और आज अंतत: “केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना” की बारी भी आ गई है। दावा किया जा रहा है कि केन और बेतवा नदी के जुड़ने के बाद बुंदेलखंड के इलाके में जल संकट की समस्या से निजात मिलेगी और लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध हो सकेगा।

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