MP News: कहते हैं भारत चुनावों का देश है और हर चुनाव के साथ सामने आती हैं तमाम अटकलें। इन अटकलों और कयासबाजी को लकर ही खूब खबरे बनती हैं। इस वर्ष के अंत में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसको लेकर इन दिनों खूब चर्चा चल रही है। प्रश्न उठ रहे हैं कि क्या भाजपा शिवराज सिंह चौहान को ही अपने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार चुनेगी या इसमें बदलाव की कुछ संभावनाएं हैं।
ऐसे में इन तमाम अटकलों पर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लगभग विराम सा लगा दिया है। बीते दिनों एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि पार्टी का हाई कमान इस बात की फैसला करेगा कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा और कौन नहीं। उन्होंने इसके साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ रही है और कहीं से भी किसी को लेकर कोई शिकायत नहीं है। वहीं चर्चित महाराज गुट, नाराज गुट और शिवराज गुट को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। हम एकजुट हैं और यही कारण है कि विपक्षियों की नींद गायब है।
सिंधिया के शामिल होने से बढ़ी अटकलें
दरअसल मध्य प्रदेश में 2020 के दौरान अचानक राजनितीक फेर बदल देखने को मिला था जब कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने साथी विधायकों के साथ पाला बदल कर भाजपा की सदस्ता ले ली थी। इसके बाद से ही कयास लगाए जा ने लगे कि अब भाजपा ज्योतिरादित्य सिंधिया को सूबे में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। हालाकि सिंधिया और शिवराज दोनों इस दावे को खारिज करते है और पार्टी के नेतृत्व में काम करने की बात करते हैं।
नाराज, महाराज और शिवराज गुट पर ये बोल गए मुख्यमंत्री
मध्य प्रदेश में इन दिनों भाजपा के खेमे से तीन गुटों की चर्चा सुनने को मिलती है। एक है महाराज गुट, जिसे ग्वालियर के शाही परिवार से आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का गुट कहा जाता है। दूसरा है शिवराज गुट, जिसे मुख्यमंत्री का गुट कहा जाता है। वहीं तीसरे गुट के रुप में नाराज गुट का दावा किया जाता है जो कि उपरोक्त दोनों गुट और पार्टी से समय-समय पर अपनी असहमति दर्शा देता है। हालाकि इस संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पार्टी एकजुट होकर काम कर रही है और यही वजह है कि विपक्षियों की नींद गायब है और वो इधर-उधर की बातें करते रहते हैं।
मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर शिवराज ने कही ये बात
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर कहा कि ये फैसला पार्टी का हाई कमान लेगा। उन्होंने वर्ष 2005 में हुए विधानसभा को चुनाव को याद करते हुए कहा कि मुझे जब मुख्यमंत्री बनाया गया तब मैं सासंद था और दिल्ली में रहता था। इस दौरान उन्होंने ये भी बताया कि मुझे मुख्यमंत्री बनाए जाने की खबर मेरी पत्नी ने टीवी पर देखा और आकर मुझे बताया था। उसके बाद से दिल्ली सांसद आवास पर उनके पड़ोसी भूपेन्द्र सिंह हुड्डा उन्हें बधाई देने पहुंचे तब उन्हें जानकारी हुई कि पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया है। ऐसे में उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी जो निर्णय लेगी उसे माना जाएगा और वर्तमान समय में पार्टी के प्रत्येक नेता और कार्यकर्ता एकजुट होकर अपना काम कर रहे हैं।
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