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MP News: किसानों को बड़ी सौगात! रिफाइन ऑयल के मूल शुल्क में इजाफा से बढ़ेगी सोयाबीन की मांग; जानें कैसे होगा फायदा?

MP News: कच्चे पाम, सोया और सूरजमुखी तेलों के आयात में ड्यूटी को बढ़ाने से सोयाबीन की डिमांड बढ़ेगी जिससे किसानों को लाभ हो सकेगा।

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फाइल फोटो- प्रतीकात्मक

MP News: केन्द्र सरकार ने देश के विभिन्न राज्यों के किसानों को बड़ी सौगात देते हुए बड़ा फैसला लिया है। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम व वर्तमान में केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के आधिकारिक एक्स हैंडल से दी गई जानकारी के मुताबिक केन्द्र सरकार ने रिफाइन ऑयल के लिए मूल शुल्क (बेसिक ड्यूटी) को 32.5% तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। दावा किया जा रहा है कि केन्द्र के इस फैसले से रिफाइनरी तेल के लिए सरसो, सोयाबीन, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों की मांग बढ़ेगी और बेहतर दाम भी मिलेंगे जिससे किसान सशक्त हो सकेंगे। (MP News)

MP के किसानों को होगा फायदा

मध्य प्रदेश को सोयाबीन उत्पादक क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। देश के जिन राज्यों में सोयाबीन की फसल का उत्पादन बेहतर ढंग से होता है उनमें मध्य प्रदेश भी अग्रणी भूमिका निभाता है। ऐसे में केन्द्र सरकार के फैसले से MP में सोयाबीन की खेती करने वाले किसान खूब लाभवान्वित हो सकेंगे।

सूबे के मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि कच्चे पाम, सोया और सूरजमुखी तेलों के आयात में ड्यूटी को 12.5% से 32.5% बढ़ाने से किसानों को अतिरिक्त लाभ हो सकेगा। केन्द्र के इस निर्णय से सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों की मांग तेजी से बढ़ेगी। सोयाबीन की मांग बढ़ने से कृषि जगत में इस फसल की कीमत में भी उछाल देखने को मिलेगा और वो अतिरिक्त लाभ हासिल कर सशक्त हो सकेंगे।

केन्द्र की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सरकार ने बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क को हटाने का निर्णय लिया है। इससे बासमती उत्पादक किसानों को भी अपनी उपज के ठीक दाम मिलेंगे और बासमती चावल की मांग बढ़ने के साथ ही निर्यात में भी वृद्धि होगी।

सरकार के अहम फैसले

केन्द्र सरकार ने प्याज किसानों के हित में फैसला लेते हुए प्याज के निर्यात शुल्क को 40% से कम कर 20% कर दिया है। निर्यात शुल्क के कम होने से प्याज उत्पादक किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे और प्याज का निर्यात भी बढ़ेगा।

केन्द्र सरकार ने किसानों के हित में कदम उठाते हुए खाद्य तेलों के आयात शुल्क को 0% से बढ़ाकर 20% कर दिया है। आयात शुल्क बढ़ाने से सोयाबीन के फसल की कीमतों में वृद्धि होगी और खाद्य तेल निर्माता भी घरेलू किसानों से फसल खरीदने के लिए प्रेरित होंगे जिससे किसानों को उनकी फसल के ठीक दाम मिल सकेंगे। इसके अलावा इस कदम से सोया खली का उत्पादन बढ़ेगा, और उसका निर्यात हो सकेगा और साथ ही सोया से जुड़े अन्य सेक्टर्स को भी लाभ मिलेगा।

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